नई दिल्ली। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में भी छात्र घर से ही अभिभावकों और शिक्षकों की मदद से रुचिकर ढंग से शिक्षा प्राप्त कर सकें, इस उद्देश्य के लिए एनसीईआरटी ने एक वैकल्पिक कैलेंडर बनाया है। वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने जारी किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, वर्तमान में शिक्षा को आनंददायक और रुचिपूर्ण बनाने वाली बहुत सी प्रौद्योगिकी, तकनीक और सोशल मीडिया उपकरण मौजूद हैं, जिनका उपयोग बच्चे घर पर रहकर कर सकते हैं। इसके बावजूद हमें इसकी एक रूपरेखा बच्चों के लिए बनाने की आवश्यकता थी, ताकि वे व्यवस्थित ढंग से घर में रह कर सीख सकें।
पोखरियाल ने कहा, यह कैलेंडर शिक्षकों को दिशानिर्देश देता है कि वे किस प्रकार विभिन्न तरह के प्रौद्योगिकीय और सोशल मीडिया उपकरणों का उपयोग कर, घर पर ही बच्चों को उनके अभिभावकों की मदद से शिक्षा दे सकें।
यह हो सकता है कि हम में से कई लोगों के मोबाइल फोन में इंटरनेट की सुविधा न हो और हम सोशल मीडिया उपकरणों के उपयोग नहीं कर पाएं। इसलिए यह कैलेंडर इस बात के दिशानिर्देश देता है कि शिक्षक, विद्यार्थियों का मार्गदर्शन मोबाइल पर एस.एम.एस. भेजकर या फोन कॉल करके कर सकते हैं। उन्होंने कहा, इंटरनेट होने की स्थिति में सोशल मीडिया जैसे व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, गुगल मेल और गुगल हैंगआउट का उपयोग कर एक समय में एक से ज्यादा विद्यार्थियों और अभिभावकों से जुड़ा जा सकता है।
कक्षा एक से 12 तक की सभी कक्षाएं और विषय इस कैलेंडर में शामिल होंगे। यह कैलेंडर सभी बच्चों के सीखने की जरूरत का ध्यान रखेगा, जिसमें दिव्यांग बच्चे भी सम्मिलित हैं। ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों इत्यादि द्वारा उनकी आवश्यकताओं को संबोधित किया जाएगा।
कैलेंडर को सप्ताहवार दिया गया है। इसमें पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक के अध्याय, विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियां सम्मिलित हैं।इसमें अनुभव आधारित अधिगम के लिए कला शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा, जिसमें योग भी शामिल है। इस कैलेंडर में चार भाषा विषयों को शामिल किया गया गया है, जिनमें संस्कृत, उर्दू, हिन्दी एवं अंग्रेजी हैं। इसमें ई-पाठशाला, एन.आर.ओ.ई.आर. और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार दी गई ई-सामग्री के लिंक्स को भी शामिल किया गया है।