नई दिल्ली। देश के लिए नई शिक्षा नीति का मसौदा लगभग तैयार है। जल्द ही इसे केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के उपरांत इसे सार्वजनिक किया जा सकता है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नियामक संस्थाओं और ढांचागत संस्थाओं की भूमिका में बदलाव किए जा सकते हैं। इसके साथ ही स्कूली पाठ्यक्रम आधुनिक एवं भारतीय मूल्यों पर केंद्रित होगा।
नई शिक्षा नीति को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी तैयारियां पूरी कर चुका है। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, अगले दो-तीन महीने के भीतर नई शिक्षा नीति देश के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "सरकार जल्द ही नई शिक्षा नीति का ऐलान करेगी। यह एक ऐसी शिक्षा नीति होगी, जिसमें भारतीय लोकाचार के आधार पर एजुकेशन सिस्टम की कल्पना की गई है। यह शिक्षा नीति उच्चस्तर की शिक्षा प्रदान करते हुए न्याय संगत, जीवंत, ज्ञान पूर्ण समाज का निर्माण करेगी।"
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, नई शिक्षा नीति सर्वप्रथम कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के उपरांत इसे लोकसभा एवं राज्यसभा में पारित कराने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "शिक्षा नीति के कुछ हिस्सों को मौजूदा वर्ष में ही लागू किया जाएगा। इनमें प्रशासनिक एवं ढांचागत बदलाव शामिल हैं। हालांकि पूरी शिक्षा नीति लागू करने के लिए अगले शैक्षणिक सत्र तक का इंतजार करना होगा।"
केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, "नई शिक्षा नीति भारत की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होगी और इसका मकसद एक स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त और श्रेष्ठ भारत का निर्माण करना होगा। इसमें छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, जन प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, ग्राम पंचायतों सहित समाज के विभिन्न वर्गों से परामर्श किया गया है।"