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नई शिक्षा नीति में भी बोर्ड परीक्षा, बदलेगा पढ़ने का तरीका

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इस नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। हालांकि नई शिक्षा नीति लागू होने के उपरांत भी 10वीं और 12वीं में बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता बनी रहेगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 30, 2020 16:15 IST
new education policy 2020 board exams- India TV Hindi
Image Source : PTI new education policy 2020 board exams

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है। इस नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। हालांकि नई शिक्षा नीति लागू होने के उपरांत भी 10वीं और 12वीं में बोर्ड परीक्षाओं की प्रासंगिकता बनी रहेगी। पहले की ही तरह इन कक्षा के छात्रों को बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना होगा। नई शिक्षा नीति में भी छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा देनी होगी, लेकिन अब इन कक्षाओं में पढ़ाई का रंग-ढंग बदला जाएगा। रटने वाली शिक्षा के स्थान पर ज्ञानवर्धक पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। यह पाठ्यक्रम छात्रों की रुचि के अनुरूप तैयार किए जाएंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा मामलों की सचिव अनीता करवाल ने कहा, "बोर्ड एग्जाम रटने पर नहीं, बल्कि ज्ञान के इस्तेमाल पर अधारित होंगे। नई प्रक्रिया के अंतर्गत छठी कक्षा के बाद से ही वोकेशनल एजुकेशन की शुरूआत हो जाएगी। सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक तरह के मानदंड होंगे।"स्कूली शिक्षा में अब 10 प्लस दो की जगह 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 का नया सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत छात्रों को चार विभिन्न वर्गों में बांटा में बांटा गया है। पहले वर्ग (5) में 3 से 6 वर्ष वर्ष की आयु के छात्र होंगे जिन्हें प्री प्राइमरी या प्ले स्कूल से लेकर कक्षा दो तक की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद कक्षा 2 से 5 तक का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। उसके उपरांत कक्षा 5 से 8 और फिर अंत में 4 वर्षो के लिए 9 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है।

ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए और सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित की गई है। विभिन्न उपायों के माध्यम से वर्ष 2030 तक समस्त स्कूली शिक्षा के लिए 100 सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करना लक्षित किया गया है। कोई भी बच्चा जन्म या पृष्ठभूमि की परिस्थितियों के कारण सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के किसी भी अवसर से वंचित न रहें। सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर विशेष जोर दिया जाएगा। वंचित क्षेत्रों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र और अलग से लिंग समावेश निधि की स्थापना की जाएगी। करियर और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक विशेष डे-टाईम बोर्डिग स्कूल के रूप में 'बाल भवन' स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा

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