नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने गुरुवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की। उन्होंने नेशनल इनिशिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट (निष्ठा) योजना शुरू की है। यह पहला ऑनलाइन कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के शिक्षा से जुड़े 1200 प्रमुख व्यक्तियों के लिए लांच किया गया। कोरोना की स्थिति को देखते हुए 24 लाख शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, एनसीईआरटी द्वारा निष्ठा को दीक्षा और निष्ठा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रारूप में बदल दिया गया है।
निष्ठा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के फ्लैगशिप प्रोग्राम 'समग्र शिक्षा' के तहत प्रारंभिक स्तर पर शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों की प्रगति के लिए एक राष्ट्रीय पहल है। इसका फेस-टू-फेस मोड केंद्रीय मंत्री निशंक ने ही 21 अगस्त 2019 को लांच किया था। एनसीईआरटी ने राज्य स्तर पर 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में निष्ठा एसआरजी ट्रेनिंग कार्यक्रम पूरा कर दिया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और बिहार में ट्रेनिंग अभी चल रही है। वहीं दो राज्यों में अभी इसे लांच किया जाना है। इसके अलावा 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।
निष्ठा के फेस-टू-फेस मोड में राष्ट्रीय संसाधन समूह (नेशनल रिसोर्स ग्रुप) राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चुने गए प्रमुख संसाधन व्यक्ति एवं राज्य संसाधन व्यक्तियों को पहले स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करता है। उसके बाद केआरपी और एसआरपी ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं। इस अवसर पर निशंक ने कहा, "कोरोना संकट को देखते हुए जब हम हर प्रकार से डिजिटल प्रणाली की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में निष्ठा जैसी महत्वपूर्ण योजना का डिजिटलीकरण भी अत्यंत आवश्यक था।
एनसीईआरटी ने इस दिशा में बेहद प्रशंसनीय काम किया है और आज हम निष्ठा के ऑनलाइन प्रारूप की शुरूआत कर रहे हैं। इसके ऑनलाइन प्रारूप में मुख्य व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन) बेहद अहम भूमिका में होंगे। वो शिक्षकों के लिए परामर्शदाता की भूमिका निभाएंगे।" अब तक लगभग 23,000 प्रमुख व्यक्ति और 17.5 लाख शिक्षक और स्कूल निष्ठा से लाभान्वित हुए हैं और अब इसके ऑनलाइन हो जाने इसका लाभ और अधिक शिक्षकों तक पहुंचेगा।