बेंगलुरु। कर्नाटक के पर्यटन, कन्नड़ भाषा और संस्कृति मंत्री सी.टी. रवि ने बुधवार को जानकारी दी कि उन्होंने दक्षिणी राज्य में रहने वाले सभी गैर-कन्नड़ भाषियों को ऑनलाइन कन्नड़ भाषा सिखाने का बीड़ा उठाया है। रवि ने कहा, "सभी को नमस्कार, मैंने कर्नाटक में रहने वाले सभी गैर-कन्नडिगों को कन्नड़ भाषा सिखाने का काम संभाला है। वे कर्नाटक में हैं और वे हमारे ही लोग हैं, ऐसे में उन्हें कन्नड़ भाषा सिखाने की जिम्मेदारी हमारी है।"
उन्होंने कहा कि उनकी टीम अपनी मातृभाषा सीखने और उसका उपयोग करने में गैर-कन्नडिगों की मदद के लिए हर दिन कन्नड़ भाषा के पाठ बोलकर पोस्ट करेंगे।रवि ने कहा, "मैं आप सभी से अपने दोस्तों के बीच इस पहल को प्रोमोट करने और कर्नाटक में रहने वाले अधिक से अधिक गैर-कन्नडिग भाइयों और बहनों तक मुझे पहुंचने में मदद करने का अनुरोध करता हूं।"
अपने पहले पोस्ट में भाषा के पाठ का जिक्र करते हुए मंत्री ने अंग्रेजी में कुछ बुनियादी वाक्यांशों और कन्नड़ में उनके अनुवाद को साझा किया।कन्नड़ पाठ 1 के हिस्से के रूप में वातार्लाप-1 के तहत, रवि ने बुनियादी अभिवादन और पहचान को साझा किया, जैसे : गुड मॉर्निग - नमस्कार, मैं दीपक - नानू दीपक, वह अनिल - इवारू अनिल और वह कौन है? - अवनु यारु? सहित कई अन्य शब्द साझा किए।
वातार्लाप-2 के हिस्से के तौर पर उन्होंने लोगों को पेशे की जानकारी देने की कोशिश की। जैसे, मैं कन्नड़ का शिक्षक हूं- नानू कन्नड़ मेस्त्रू, मैं डॉक्टर हूं- नानू डॉक्टर, वह नर्स है- अवारु नर्स। मंत्री ने इसी सहित कई पेशे से जुड़ी भाषाई जानकारी साझा की।
रवि ने बुधवार को अधिक वाक्यांशों और कन्नड़ शब्दावली के साथ दो और पाठ पोस्ट किए।उन्होंने आगे लिखा, "कृपया मेरे ट्वीट हर रोज पढ़ें और आने वाले दिनों में कोई भी कन्नड़ सीख सकता है। कन्नड़ सीखने का थोड़ा सा प्रयास पृथ्वी पर कुछ अद्भुत लोगों के दिलों को जीतने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।"