नयी दिल्ली, उच्च शिक्षण संस्थानों में कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों को प्रवेश में मिलने वाली छूट अब घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों को भी दी जाएगी। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। गैर-विस्थापित कश्मीरी पंडितों को भी ये छूट देने के संबंध मे मंत्रालय को कई प्रतिवेदन मिलने के बाद यह फैसला लिया गया।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मामले पर विचार किया गया और गृह मंत्रालय एवं जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 2020-21 अकादमिक सत्र से देश के अन्य हिस्सों में स्थित उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए जो छूट कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों को मिलेगी वही गैर विस्थापित कश्मीरी पंडित या कश्मीरी हिंदू परिवारों के लिए भी दी जाएगी।”
विद्यार्थियों की दी जाने वाली इन छूटों में कट ऑफ प्रतिशत में 10 प्रतिशत तक की छूट मिलना बशर्ते वे न्यूनतम अहर्ताएं पूरी करते हों, प्रत्येक पाठ्यक्रम में प्रवेश क्षमता में पांच प्रतिशत तक की बढ़ोतरी और तकनीकी एवं पेशेवर पाठ्यक्रम कराने वाले संस्थानों में मेरिट कोटा में कम से कम एक सीट आरक्षित रखना शामिल है। अधिकारी ने कहा, “कश्मीरी विस्थापितों के लिए निवास स्थान प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं होती लेकिन घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों या कश्मीरी हिंदू परिवारों को ये छूट पाने के लिए निवास स्थान प्रमाण-पत्र दिखाना जरूरी होगा।”