नई दिल्ली: जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के एक प्रोफेसर द्वारा छात्राओं के एक समूह के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने आज दिल्ली महिला आयोगका रुख किया। पुलिस के मुताबिक, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज पुलिस थाना में आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आरोपी प्रोफेसर ने कल यूनिवर्सिटी के दो प्रशासनिक पदों- मानव संसाधन विकास केंद्र( एचआरडीसी) और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल( आईक्यूएसी) से“ नैतिक आधार” पर इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निहित स्वार्थ वाले कुछ छात्रों का एक“ प्रायोजित कदम” है।
छात्र संघ की अध्यक्ष गीता कुमारी ने आज कहा, “ प्राथमिकी दर्ज हुए 36 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है लेकिन उनके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वह जेएनयू परिसर में मिली सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने उन्हें उनकेअ कादमिक दायित्वों से भी मुक्त नहीं किया है।” गीता ने दावा किया, “ अब तक नौ छात्राएं उत्पीड़न की रिपोर्ट देने के लिए सामने आई हैं और कई पूर्व छात्राओं ने हमें फोन कर प्रोफेसर के मातहत काम करने के दौरान उनके साथ हुए यौन उत्पीड़न के वाकये बताए हैं।”
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर हमला बोलते हुए छात्र संघ ने आरोप लगाया, “ आंतरिक शिकायत समिति द्वारा जांच कराने का वादा कर जेएनयू प्रशासन ने प्रोफेसर को बचाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।” छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई में देरी का भी आरोप लगाया।