नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा छात्रावास शुल्क में वृद्धि वापस लेने की अपनी मांग को लेकर बुधवार को विरोध- प्रदर्शन तेज करना रंग लाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास के शुल्क में की गई वृद्धि को वापस ले लिया है। शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि “जेएनयू कार्यकारी समिति ने छात्रावास शुल्क और अन्य वजीफे में प्रमुख रोल-बैक की घोषणा की है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए आर्थिक सहायता के लिए एक योजना का प्रस्ताव दिया है।”
परिसर से बाहर हुई JNU कार्यकारिणी परिषद की बैठक
छात्रों के विरोध- प्रदर्शन की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन को कार्यकारिणी परिषद की बैठक परिसर से बाहर आयोजित करनी पड़ी। परिषद जेएनयू की फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। वाम दल समर्थित छात्र संगठनों के विद्यार्थी छात्रावास शुल्क में वृद्धि के खिलाफ करीब पखवाड़े भर से प्रदर्शन कर रहे थे। इनके अलावा आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रतिनिधियों ने भी इसे लेकर प्रदर्शन किया।
छात्रों के प्रदर्शन ने सोमवार को पकड़ा था जोर
जेएनयू में फीस वृद्धि को लेकर चल रहे छात्रों के प्रदर्शन ने सोमवार को जोर पकड़ लिया था, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इसके बाद मंगलवार को कई छात्राओं ने कहा कि अगर फीस वृद्धि हुई तो वे अपने घर वापस लौट जाएंगी। ऐसी स्थिति के बीच बुधवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन को और तेज कर दिया, जिसके कारण बुधवार को जेएनयू कार्यकारी समिति ने अपना छात्रावास शुल्क में वृद्धि का फैसला वापस ले लिया।
कितनी बढ़ाई गई थी छात्रावास की फीस?
JNU के कला एवं सौंदर्यशास्त्र विद्यालय के सदस्य अमित राज ने कहा था कि छात्रों को 2,500 रुपये छात्रावास शुल्क देना होता है। वृद्धि के बाद उन्हें 4,200 रुपये का भुगतान करना होगा क्योंकि इसमें 1,700 रुपये का सेवाशुल्क भी जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली, सफाई और पानी का शुल्क भी जोड़ा जाएगा। वहीं, छात्रावास सिक्योरिटी के लिये ली जाने वाली राशि को 5,500 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है। हालाकिं, अब इस फैसले को वापस ले लिया गया है।