सोनीपत। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने मंगलवार को कोविड-19 के बाद उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए 2020 के स्नातक के छात्रों को उनके करियर और भविष्य की योजनाओं में मदद के लिए 100 स्नातक अनुसंधान तन्मयता कार्यक्रम (जीआरआईपी) छात्रवृत्ति शुरू करने की घोषणा की। यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम 2020 में स्नातक करने वाले छात्रों को उनकी डिग्री पूरी होने के तुरंत बाद एक शोध कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सक्षम करेगा।
इस कार्यक्रम को खासतौर पर स्कॉलर्स को उनकी अनुसंधान क्षमताओं और अन्य कौशल को बढ़ाने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अलावा यह उन्हें काफी महत्वपूर्ण कार्यों के अनुभव को प्राप्त करने में भी सक्षम बनाएगा।जीआरआईपी छात्रवृत्ति पहल छह महीने का कार्यक्रम है, जो इस साल एक सितंबर से शुरू होगा।
जेजीयू में 2020 के छात्रों को एक प्रतियोगी प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा। इसमें सफल होने वाले छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिल सकेगी।सफल होने वाले स्कॉलर्स जेजीयू के निपुण वैश्विक फैकल्टी के साथ मिलकर काम करेंगे और उनकी दक्षता और कौशल को और विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय से व्यापक संस्थागत समर्थन भी प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय का कहना है कि इस कार्यक्रम के दौरान जीआरआईपी स्कॉलर्स को कानून, प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, सार्वजनिक नीति, उदार कला और मानविकी एवं पत्रकारिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जेजीयू के प्रतिष्ठित स्कॉलर्स से व्यक्तिगत तौर पर पर्यवेक्षण, सलाह और मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे उन्हें अच्छा फायदा मिलेगा।
उन्हें विश्वविद्यालय के 55 अनुसंधान केंद्रों के साथ ही तीन अनुसंधान एवं क्षमता संस्थानों के माध्यम से जेजीयू के अनुसंधान कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सक्रिय भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति सी. राज कुमार ने एक बयान में कहा, "इस नए और परिवर्तनकारी छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरुआत का उद्देश्य 2020 तक जेजीयू के चयनित स्नातक छात्रों के लिए अनुसंधान के अवसर प्रदान करना है, ताकि जेजीयू में एक इनोवेटिव शोध कार्यक्रम शुरू किया जा सके।"
उन्होंने कहा, "कोविड-19 संकट से जूझ रहे अकादमिक जगत के अनिश्चित परि²श्य में सामान्य स्थिति की वापसी और प्रतिबंधों को लेकर भविष्यवाणी करना संभव नहीं है।"कुलपति ने कहा, "जीआरआईपी छात्रवृत्ति हमारे स्नातकों को उनके सीखने, शैक्षिक और कैरियर आकांक्षाओं में निरंतरता और सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए सहायता करेगी।"उन्होंने कहा, "वैश्विक महामारी ने उच्च शिक्षा के हर पहलू को व्यवस्थित रूप से प्रभावित किया है और इस समय विश्वविद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे अपने स्नातकों की मदद करने के लिए इस अवसर पर उठ खड़े हों।"