पटना। कोरोना संक्रमण के दौर में शिक्षा क्षेत्र प्रभावित हुआ है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई प्रारंभ की गई है। इसी क्रम में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में 'डीजी साथ' प्रोजेक्ट से जुड़े तीन शिक्षकों को उल्लेखनीय योगदान देने के लिए झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने सम्मानित किया है। पुरस्कार पाने वालों में लातेहार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक रजनीकांत पाठक, पलामू जिले के राजकीयत मध्य विद्यालय कसियाडीह के प्रधानाध्यापक गोविंद प्रसाद और राजकीय उच्च विद्यालय, बरकट्ठा, हजारीबाग के प्रधानाध्यापक छत्रु प्रसाद शामिल हैं।
झारखंड के लातेहार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मियों द्वारा विद्यालय में नामांकित छात्राओं में से 75 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को डिजिटल माध्यम से जोड़ कर पठन पाठन का कार्य प्रारम्भ किया गया।इसी क्रम में विद्यालय के अंशकालिक वाणिज्य शिक्षक रजनीकान्त पाठक ने यूट्यूब पर पाठक स्टडी मंच, डीजी साथ, तथा गूगल डुओ से अलग-अलग ग्रुप बनाकर प्रतिदिन 3-4 घण्टे की क्लासेज ले रहे हैं। उनके प्रयास से प्रतिदिन 55-60 विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो रही है और सिलेबस पूरा न होने का उनका डर खत्म होने लगा है।
रजनीकान्त पाठक के इन प्रयासों को राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह और राज्य परियोजना पदाधिकारी अभिनव कुमार ने मान्यता दी और उन्हें लेटर ऑफ एप्रिसिएशन देकर सम्मानित किया।
सिंह कहते हैं कि झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) के आभाषी (वर्चुअल) तरीके से निरंतर शिक्षा देने के माध्यम 'डीजी साथ' प्रोजेक्ट एवं अन्य माध्यमों से जोड़ कर नियमित रूप से ऑनलाइन क्लास का आयोजन किया जा रहा है।जेईपीसी ने हाल में ही कार्य प्रतिबद्घता के लिए राज्य स्तर पर पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड के राजकीयत मध्य विद्यालय कसियाडीह के प्रधानाध्यापक गोविन्द प्रसाद को भी सम्मानित किया है।
सिंह कहते हैं कि 'डीजी साथ' एक ऐसा डिजिटल कार्यक्रम है, जिसकी मदद से छात्र आभाषी तरीके से निरंतर शिक्षा प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं। इसी क्रम में व्हाट्सअप, दूरदर्शन के जरिए सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए नेबरहूड शिक्षण सामुदायिक पठन-पाठन के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसे 'डीजी साथ' प्रोजेक्ट नाम दिया गया है।
यह कार्यक्रम महामारी की परिस्थिति में विद्यार्थियों के लिए एक वरदान के रूप में सामने आया है। विभिन्न पाठ्यक्रमों को अडियो और वीडियो के माध्यम से राज्य भर के प्रत्येक स्तर के विद्यार्थियों के लिए सुगम बनाया गया है।