नई दिल्ली। कोविड-19 वैश्विक महामारी से छाए तनाव को दूर करने के तरीकों पर विचार करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्कृत विभाग ने सोमवार को 'गूगल मीट' पर 'परीक्षाएं और तनाव-प्रबन्धन' विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन किया। विश्वविद्यालय की कुलपति और वेबिनार की मुख्य अतिथि, प्रो नजमा अ़ख्तर ने इसका उद्घाटन करते हुए संस्कृत विभाग की इस पहल का स्वागत किया। इस अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में जाने माने शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे।
वेबिनार से जुड़ने के लिए 600 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया, जिसमें से 250 शोध छात्रों और विद्वानों ने 'गूगल मीट' के माध्यम से हिस्सा लिया। यह वेबिनार 'फेसबुक-लाइव' के माध्यम से भी देखा गया । इसका संचालन डॉ अभय कुमार शांडिल्य ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी ने किया ।
प्रो अ़ख्तर ने कहा, "जामिया ने पिछले दिनों चार सत्रों के जरिए आठ सौ अध्यापको को 'फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम' के जरिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया। इससे लाकडाउन के हालात में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं आनलाइन शिक्षा पाकर लाभान्वित हो रहे हैं।"कुलपति ने संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश चन्द्र पन्त के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में इस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार संस्कृत विभाग ने आयोजित किया है।
प्रो. पन्त ने कहा, "विश्व भर में फैले कोरोना वायरस का सार्थक प्रयासों से मुकाबला करना आवश्यक है । जामिया के छात्र-छात्राओं ने घर पर रहकर ही अत्यन्त मनोबल और एकाग्रता से ऑनलाइन अध्ययन के माध्यम से सिद्ध कर दिया है कि उन्नत समाज निर्माण में शिक्षा की भूमिका सर्वोपरि है।"
जामिया के 'मेंटल हेल्थ और काउंसलिंग समिति' के अध्यक्ष प्रो. एस. एम. साजिद इस आयोजन के विशिष्ठ अतिथि थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के 'भाषा और मानवीकी संकाय' के अध्यक्ष प्रो. एम. असदुद्दीन ने की।