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जेएनयू छात्रों को हॉस्टल खाली करने के निर्देश, छात्र जाने को तैयार नहीं

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने छात्रों से हॉस्टल करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद विशेष ट्रेनें और बसों का परिचालन शुरू हो गया है और छात्र अब अपने घर जा सकते हैं,

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : May 27, 2020 10:59 IST
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Image Source : FILE jnu

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने छात्रों से हॉस्टल करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद विशेष ट्रेनें और बसों का परिचालन शुरू हो गया है और छात्र अब अपने घर जा सकते हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय फिलहाल बंद है। जेएनयू विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने छात्रों के लिए जारी एक सकरुलर में कहा, मार्च में ही छात्रों को विश्वविद्यालय बंद होने की जानकारी दी और उन्हें अपने घर जाने की सलाह दी थी। लेकिन तब ट्रांसपोर्ट उपलब्ध न होने के कारण कई छात्रों ने हॉस्टल में ही रहने का अनुरोध किया था।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अब दूसरे शहरों में जाने के लिए यातायात के साधन उपलब्ध हैं, ऐसे में छात्रों को तुरंत हॉस्टल खाली कर देने चाहिए।विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने सकरुलर में कहा है,रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। एक जून से 200 और ट्रेनें भी शुरू हो जाएंगी। अंतरराज्यीय बसें और टैक्सी सेवाएं भी शुरू हैं।विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि वे मौजूदा गाइडलाइंस के मुताबिक, 25 जून या उसके बाद कैंपस में लौट सकते हैं, और तब तक सभी अकादमिक गतिविधियां बंद रहेंगी।

जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी इस सकरुलर के विरोध में छात्र नेता अक्षर ने कहा, यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को चाहिए कि वह कैंपस में ही छात्रों को सुरक्षित रहने के इंतजाम करे न कि छात्रों को बाहर करे। छात्रों को खाने के पैकेट दिए जा सकते हैं। लेकिन कैंपस खाली करना और छात्रों को सफर करने के लिए मजबूर करना पूरी तरह से गलत निर्णय है।

जेएनयू छात्रसंघ भी विश्वविद्यालय द्वारा जारी इस सकरुलर के विरोध में है। छात्रसंघ के मुताबिक, "कैंपस ही छात्रों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है, क्योंकि वहां इस महामारी से बचाव करना आसान है। इसके साथ ही छात्रों के पास घर जाने के पैसे नहीं हैं। पिछले कई दिनों से लोगों के ट्रेन और फ्लाइट के टिकट कैंसिल किए जा रहे हैं। अधिकतर छात्र दूसरे राज्यों से हैं, उन्हें 24 घंटे का सफर करना होगा। क्या इस समय सफर करना उचित होगा?"

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