Monday, November 25, 2024
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कोविड-19 से निपटने के लिए आईआईएससी, आईआईटी ने मोबाइल ऐप विकसित किए

दुनियाभर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं, कई जगहों पर इसके लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 09, 2020 17:07 IST
IIT, IISC Covid 19 Mobile Apps to deal coronavirus- India TV Hindi
iisc, iit develop mobile apps to deal with covid-19

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं, कई जगहों पर इसके लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। भारत में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए आईआईएससी, बेंगलुरु और चार आईआईटी ने ‘‘गो कोरोना गो’’ से लेकर ‘‘संपर्क-ओ-मीटर’’ तक कई मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए हैं। आईआईएससी की एक टीम ने ‘‘गो कोरोना गो’’ ऐप विकसित किया है, जो कोविड-19 के संदिग्धों के संपर्क में आये लोगों की पहचान करने में मदद कर सकता है।

आईआईएससी के एक संकाय सदस्य तरुण रंभा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ऐप ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करके कोविड-19 से संक्रमितों या संदिग्धों के संपर्क में आये लोगों की पहचान करने में मदद करेगा। यह दूर के संपर्कों से भी जोखिम की प्रवृत्ति को समझने के लिए अस्थायी नेटवर्क एनालिटिक्स का उपयोग करता है। इसके साथ ही यह ऐप बीमारी के प्रसार का आकलन करने और उन लोगों की पहचान करने में मदद कर सकता है, जिनके वायरस की चपेट में आने की आशंका है।’’

आईआईटी रोपड़ के एक बीटेक छात्र ने ‘‘संपर्क-ओ-मीटर’’ नामक एक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो मानचित्र के जरिये कोरोना वायरस के अधिकतम संक्रमण की आशंका वाले वाले क्षेत्रों को इंगित कर सकता है। इस ऐप को विकसित करने वाले छात्र साहिल वर्मा ने कहा, ‘‘ऐप विभिन्न कारकों पर विचार करने के बाद एक ‘जोखिम स्कोर’ उत्पन्न करता है और लोगों को एहतियाती उपाय करने के लिए सचेत कर सकता है, जिसमें खुद को पृथकवास में रखना या किसी डॉक्टर से संपर्क करना भी शामिल है।

यह ऐप उपयोगकर्ताओं को कोरोना संपर्क जोखिम रेटिंग का अनुमान लगाने की सुविधा प्रदान करेगा।’’ इसी तरह, आईआईटी बंबई के छात्रों और पूर्व छात्रों की एक टीम ने ‘‘कोरोनटाइन’’ नामक एक मोबाइल ऐप बनाया है जो कोरोना वायरस के लक्षण वाले या वायरस के संपर्क में आये संदिग्ध लोगों को ट्रैक करने में मदद करेगा। अगर कोई व्यक्ति अपने पृथकवास से बाहर निकलता है तो ऐसे में इस ऐप के जरिये उस व्यक्ति का पता लगाया जा सकता है। आईआईटी दिल्ली में छात्रों ने भी कोविड-19 के पीड़ितों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों का पता लगाने में मदद करने के लिए एक ऐप बनाया है।

संस्थान के डिजाइन विभाग में पीएचडी के छात्र अरशद नासर ने कहा, ‘‘ब्लूटूथ का उपयोग करके एप्लिकेशन उन सभी व्यक्तियों को ट्रैक और अलर्ट करेगा जो पिछले दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आया हो, या उसके आसपास से गुजरा हो। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की तारीख और क्षेत्र का भी ऐप के जरिये पता चल जाएगा।’’ आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर कमल जैन ने एक ट्रैकिंग ऐप विकसित किया है जो कोरोना वायरस को रोकने के लिए आवश्यक निगरानी प्रणाली को मजबूत कर सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में गुरुवार को कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 166 हो गई और संक्रमितों की कुल संख्या 5,734 हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि अब भी 5,095 लोग संक्रमित हैं जबकि 472 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है तथा एक व्यक्ति देश छोड़कर चला गया है।

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