DISASTER MANAGEMENT: प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने के साथ ही इस समस्या से निपटने वालों की भूमिका अहम हो गई है। इस समस्या से निपटने का काम काम करते हैं डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल। जिन्हें इस खास काम के लिए ट्रेंड किया जाता है। डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स का काम आपदा के शिकार लोगों की जान बचाना और उन्हें नई जिंदगी देना है।
क्या है इनका काम: डिजास्टर मैनेजमेंट में ट्रेनिंग ले चुके लोग आपदा के वक्त बहुत मायने रखते हैं. आपातकालीन स्थितियों में बिगड़ी हुई जिंदगी को पटरी पर लाने का काम इन्ही के जिम्मे होता है। इन्हें आपदा पीडि़तों को तुरंत बचाने, राहत पहुंचाने और उनकी जरूरतें पूरी करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। साथ ही, घायलों का इलाज भी इन्हें करना होता है।
कब हुई पहल:
मानव संसाधन मंत्रालय ने दसवीं पंचवर्षीय परियोजना में डिजास्टर मैनेजमेंट को स्कूल और प्रोफेशनल एजुकेशन में शामिल किया था। 2003 में पहली बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आठवीं कक्षा के सोशल साइंस के सेलेबस में इसे जोड़ा। फिर आगे की क्लास में और सरकारी व गैर सरकारी हाई एजुकेशन इंस्टीट्यूट में भी डिजास्टर मैनेजमेंट की पढ़ाई होनी लगी।
डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स:
देश के कई मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट डिजास्टर मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट से लेकर पीजी डिप्लोमा लेवल के कोर्स कराते है। वहीं कई यूनिवर्सिटी में डिग्री लेवल कोर्स भी हैं।
योग्यता:
सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 12वीं पास है, जबकि मास्टर या पीजी डिप्लोमा के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। लेकिन यह ध्यान रखें कि यह कोई हिम्मत और जज्बे से जुड़ी फील्ड है।
संभावनाएं:
डिजास्टर मैनेजमेंट के क्षेत्र में आम तौर पर सरकारी नौकरियों में, आपातकालीन सेवाओं में, लॉ इन्फोर्समेंट, लोकल अथॉरिटीज, रिलीफ एजेंसी, गैर सरकारी संस्थानों और यूनाइटेड नेशन जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों में नौकरी मिल सकती है। प्राइवेट सेक्टर में भी आपको जॉब मिल सकती है।
प्रमुख संस्थान:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, नई दिल्ली
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली
- नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, दार्जिलिंग
- इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मद्रास यूनिवर्सिटी, चेन्नई