नई दिल्ली। हौंसले अगर बुलंद हों तो बाधाएं अपने आप दूर होती हैं। नोएडा के लोटस वैली पब्लिक स्कूल की छात्रा हाविशा शर्मा ने इस बात को सिद्ध करके दिखाया है। हाविशा एक ऐसे डिस्ऑर्डर से ग्रसित हैं जिसे डिसलेक्सिया या डिसकेलकुलिया कहते हैं। इस डिसॉर्डर की वजह से शब्द बनाने और अंक समझने जैसे कामों में बच्चों को परेशानी आती है और कई बार पढ़ने और लिखने तथा बोलने में भी दिक्कत हो सकती है।
आमिर खान कि फिल्म 'तारे जमीन पर' ईशान नाम के बच्चे के किरदार को यही डिस्ऑर्डर था। लेकिन जैसे 'तारे जमीन पर' फिल्म में बच्चा सभी बाधाओं को पार कर टॉप करता है उसी तरह हाविशा शर्मा ने भी सारी बाधाओं को पार करते हुए 10वीं की परीक्षा में 98.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।
हाविशा शर्मा डिसकेलकुलिया डिस्ऑर्डर से ग्रसित हैं और उन्हें नंबर समझने में दिक्कत होती है। उनकी इस परेशानी को उनके लोटस वैली पब्लिक स्कूल ने समझा और उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया। हाविशा शर्मा के हौंसले और स्कूल की तरफ से उठाए गए कदमों से सारी बाधाएं दूर हुईं और हाविशा शर्मा 10वीं की परीक्षा में 98.8 प्रतिशत अंक लाने में कामयाब हुईं।
हाविशा शर्मा सिर्फ पढ़ाई में हीं अव्वल नहीं हैं बल्कि वे एक मंझी हुई तैराक और घुड़सवार भी हैं। वे गिटार भी अच्छा प्ले करती हैं और यूएस पोलो के लिए मॉडल की तरह रैंप वॉक भी कर चुकी हैं। हाविसा के टैलेंट और उनकी पढ़ाई की जरूरत को उनके स्कूल ने समझा और उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया। हाविशा का हौंसला और स्कूल की मेहनत रंग लाई और 10वीं की परीक्षा में रिजल्ट दिखा।
हाविशा के लिए, स्कूल के प्रिंसिपल, विशेष अध्यापक, काउंसलर और माता-पिता ने उनकी विशेष जरूरतों को देखते हुए एक विशेष योजना तैयार की, हाविशा के लिए गणित और विज्ञान जैसे विषयों का सामना करना मुश्किल था। लेकिन स्कूल, माता-पिता और अध्यापको के संयुक्त प्रयास से मुश्किल आसान हुई और हाविशा ने अपनी मेहनत से कठिन राह को आसान बना दिया।
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