नई दिल्ली: सरकार ऐसे लोगों के लिए परीक्षा की तैयारी कर रही है जो किसी कंपनी में स्वतंत्र निदेशक बनना चाहते हैं। कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री पी पी चौधरी ने कहा कि इसके पीछे मकसद कंपनियों के कामकाज के संचालन में सुधार लाना है। हालांकि, कंपनी कानून, 2013 के तहत कामकाज का बेहतर संचालन सुनिश्चित करने को काफी कड़े प्रावधान हैं। लेकिन हाल के समय में कई कंपनियों में गड़बड़ी को लेकर स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका जांच के घेरे में है।
ऐसे समय जबकि सरकार कंपनियों के कामकाज में अपनी भूमिका कम करने का प्रयास कर रही है, स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। चौधरी ने कहा कि सरकार कामकाज के संचालन को लेकर चीजों को दुरुस्त करने को प्रतिबद्ध है। कंपनियों के कामकाज में स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को मजबूत करना इसी दिशा में एक प्रयास है।
चौधरी ने कहा कि किसी कंपनी के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक बनने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए। उनके लिए एक सर्टिफिकेट कोर्स या परीक्षा पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस पर काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला लेने से पहले अंशधारकों से विचार विमर्श किया जाएगा।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव ऐसे नए लोगों के लिए जो निदेशक बनना चाहते हैं। पहले से जो लोग स्वतंत्र निदेशक के पद पर हैं उनके लिए यह यह परीक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वतंत्र निदेशकों के लिए अनुकूलन कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।