नई दिल्ली। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय का गार्गी कॉलेज सुर्खियों में आया है, हालांकि यह कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय का एक प्रतिष्ठित कॉलेज है और इस कॉलेज की छात्राओं ने देश और विदेश में नाम कमाया है। 1967 में स्थापित हुए इस कॉलेज में एडमिशन के लिए काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा रहती है। गार्गी कॉलेज में साइंस, कॉमर्स, ऑर्ट्स स्ट्रीम्स के स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स पढ़ाए जाते हैं और पिछले साल इस कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्राओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी।
गार्गी कॉलेज साउथ कैंपस में स्थित प्रमुख महिला कॉलेजों में से एक है। यह दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है। इसकी स्थापना 1967 में हुई थी और वर्तमान में NAAC द्वारा ग्रेड-'ए 'से सम्मानित किया गया है। इसमें लगभग 3864 छात्र पढ़ रहे हैं। यह साउथ कैंपस में स्थित ऐसा एकमात्र महिला संस्थान है जो 4 स्ट्रीम्स कॉमर्स और आर्ट्स, साइंस और शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाता है। इस कॉलेज में इंग्लिश, पॉलिटिकल साइंस और केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम उपलब्ध हैं। गार्गी कॉलेज 10 विषयों में कोर्सेज पेश करता है। बता दें कि पिछले दो वर्षों के विश्वविद्यालय परीक्षाओं में 99% छात्र पास हुए थे और लगभग 45-50% छात्रों ने फर्स्ट डिवीज़न से परीक्षा पास की थी।
बता दे कि पिछले साल गार्गी कॉलेज का कट ऑफ 95.75% गया था। छात्र गार्गी कॉलेज कट ऑफ 2019 जारी होने बाद अपने अंको के हिसाब से अपने पसंद के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। आमतौर पर DU में 10 से 12 कट ऑफ आते हैं। अगर छात्र कटऑफ के अनुसार अंक प्राप्त कर चुके होते हैं तो वो उस कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। एडमिशन लेने के लिए छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है। काउंसलिंग के दौरान छात्र अपने अंको के हिसाब से अपने पसंद के कॉलेज और अपने पसंद के कोर्स चुन सकते हैं।
हाल ही में कॉलेज फेस्ट के हौरान छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में गार्गी कॉलेज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। कॉलेज प्रशाशन और दिल्ली विश्वविद्यालय को इस मामले का संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए।