दुनिया भर में ऐसे लाखों बच्चे हैं जिनके पास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच नहीं है। इस परिदृश्य को बदलने के लिए दो भारतीयों ने सैन फ्रांसिस्को में 'इक्वली' की स्थापना की हैं। 'इक्वली' का मिशन हर बच्चे को समान शिक्षा प्रदान करना है। अर्जिता और अंशुल दंपत्ति इस संस्था के संस्थापक हैं। इक्वली का पहला प्रोडेक्ट 'स्कूल ऑफ गेम्स' था जो बच्चों तक गुणवत्ता शिक्षा पहुचाने का एक मंच था। 'स्कूल ऑफ गेम्स' प्रतिष्ठित ग्लोबल साक्षरता एक्सप्राइज के लिए दुनिया में 400 से ज्यादा टीमों में से जिन 11 सेमीफाइनलिस्ट का चयन हुआ उनमें से एक है, जिसे एलोन मस्क और यूनेस्को द्वारा प्रायोजित किया गया था। जिसमें पांच देशों-भारत, अमेरिका, कंबोडिया, पेरू और तंजानिया के 12,000 बच्चों तक इन्होंने अपनी पहुंच बनाई।
'इक्वली' अब बाजार में अपना दूसरा प्रोडेक्ट 'दा विंची क्लब एआर' को ला रहा है। यह बच्चों के लिए एक सोशल नेटवर्क होगा जिसमें वो खेलते हुए एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकेंगे। अर्जिता और अंशुल की टीम शिक्षा के भविष्य के निर्माण के लिए काम कर रही है। वे इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए वह उन्नत वास्तविकता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर रहे हैं।
फिलहाल वे फिनलैंड में शिक्षा क्षेत्र को गति देने का काम कर रहे हैं ताकि वो दुनिया के सर्वोत्तम स्कूल मानकों द्वारा प्रमाणित हो सकें। वे इस रविवार को सैन फ्रांसिस्को में एक प्री लॉन्च कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। यह उत्पाद नवंबर 2018 के पहले हफ्ते में पूरी दुनिया में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
देखें 'इक्वली' पर अर्जिता सेठी