नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में सरकार और स्कूलों के संयुक्त प्रयास से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। ऑनलाइन के अलावा ऑन एयर शिक्षा भी छात्रों के बीच खासी लोकप्रिय हो रही हैं। लॉकडाउन के दौरान ऑन एयर शिक्षा चैनल्स को 61 करोड़ हिट्स मिल चुके हैं। दरअसल सरकार ने पहली से 12वीं कक्षा तक प्रत्येक वर्ग के लिए एक अपना अलग शैक्षणिक टीवी चैनल शुरू करने का फैसला लिया है। इसका मकसद ऐसे छात्रों को भी शिक्षा मुहैया कराना है जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय 'स्वयं प्रभा' नामक शैक्षणिक टीवी चैनल का प्रसारण कर रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "सरकार ने सभी छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की है कोई विद्यार्थी इस दौर में परेशान न हो, स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल ऐसे छात्रों तक भी पहुंचा है जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है।"निशंक ने कहा, "24 मार्च से अभी तक स्वयंप्रभा चैनल पर 61 करोड़ से अधिक हिट आ चुके हैं।"
निशंक ने कहा, "एमएचआरडी हर छात्र तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। मेरा मानना है कि सीखने की उत्सुकता इंटरनेट की गैर उपलब्धता तक सीमित नहीं हो सकती है। इस प्रकार, डिजिटल डिवाइड को संबोधित करने के लिए ने अपने डीटीएच प्लेटफॉर्म टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच ऑपरेटरों पर स्वयं प्रभा चैनलों को प्रसारित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ करार किया है। इससे पहले, स्वयं चैनल डीडी डीटीएच, डिश टीवी और जियो टीवी ऐप पर उपलब्ध थे।"
अब भारत में छात्र कहीं भी इन चैनलों के लिए डीटीएच सेवा प्रदाता से अनुरोध कर सकता है, बिना किसी अतिरिक्त लागत के।स्वयं प्रभा 32 डीटीएच चैनलों का एक समूह है जो सभी शिक्षकों को कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रदर्शन कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि आदि जैसे विविध विषयों को कवर करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक पाठ्यक्रम आधारित पाठ्यक्रम सामग्री प्रदान करता है। निशंक ने कहा, "देश भर के छात्रों और नागरिकों को आजीवन सीखने में रुचि है। हम दुरदर्शन का उपयोग करने का भी प्रयास कर रहे हैं।"
इसके अलावा छात्रों को पाठ्यक्रम हस्तांतरित करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो के विकल्प का उपयोग करने की कोशिश की जा रही है। आन एयर शिक्षा पद्धति को लेकर अधिक रणनीति और योजनाएं विकसित की जा रही हैं, जिन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा।