नई दिल्ली। स्कूल की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में दाखिले की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विशेष कार्यक्रम 'दीक्षा आरंभ' तैयार किया है।'दीक्षा आरंभ' नामक इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को देश के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले की प्रकिया से लेकर अन्य सभी समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराया जाएगा।
कॉलेजों में दाखिले के लिए छात्रों हेतु आरंभ किए गए इस कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "स्कूल लाइफ से निकलकर कॉलेज के माहौल में प्रवेश करना छात्रों के लिए कठिन होता है। इसलिए 'दीक्षा आरंभ' लॉन्च किया गया है। इसमें ऐसे प्रोग्राम शामिल किए गए हैं जो कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान छात्रों के लिए मददगार साबित होंगे।"
उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए आने वाले छात्र किसी प्रकार की दुविधा, असमंजस अथवा कठिनाई में उलझ कर न रह जाएं इसके लिए उन्हें अध्यापक के रूप में एक गाइड मुहैया कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए देश भर की 32 अलग-अलग यूनिवर्सिटी के अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के दौरान छात्रों की मदद के लिए 32 विश्वविद्यालयों के 1650 अध्यापकों को 'दीक्षा आरंभ' कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा के 40 विभिन्न संस्थानों ने छात्रों की दाखिला प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय भी ले लिया है।
विश्वविद्यालयों के अकादमिक कैलेंडर को तैयार करने वाली यूजीसी की कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा, "देशभर के सभी कॉलेजों में सप्ताह में 6 दिन पढ़ाई होनी चाहिए। परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए।" यह कमेटी शनिवार को भी कॉलेज चालू रखने की पक्षधर है।
यूजीसी की इस कमेटी ने अपनी एक अन्य सिफारिश में कहा, "जहां प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र 1 सितंबर से शुरू किया जाए वहीं सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त से शुरू किया जा सकता है।"