नई दिल्ली। कोरोना के प्रकोप के कारण शिक्षण संस्थान बंद रखे जाने के कारण छात्रों के लिए पढ़ाई की कमी को पूरा करने के मकसद से केंद्रीय विश्वविद्यालय रिमोट एक्सेस प्लेटफॉर्म की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। इस कठिन समय में शिक्षकों व विद्यार्थियों को ई-संसाधनों के जरिये अनुसंधान व अध्ययन करने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस नई शुरुआत का मकसद विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए अध्ययन का मार्ग प्रशस्त करना है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने महामारी के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों में उत्पन्न हुई स्थिति और मौजूदा वर्ष में दाखिले के समाधान के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया है।यूजीसी द्वारा गठित इस कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो.आर.सी. कुहाड़ करेंगे।
कमेटी के अध्यक्ष प्रो. कुहाड़ ने महेंद्रगढ़ केंद्रीय विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए चौदह से अधिक सदस्यता प्राप्त ई-संसाधनों के लिए सुदूर पहुंच प्रदान करने के लिए चौबीस घंटे सक्रिय रहने वाला 'रिमोट एक्सेस प्लेटफॉमर्' लांच किया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुहाड़ ने कहा, "हम इस चुनौतीपूर्ण समय में शिक्षकों व विद्यार्थियों को ई-संसाधनों के द्वारा उनके अनुसंधान व अध्ययन कार्यों में ज्यादा से ज्यादा मदद करने के इच्छुक हैं। इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा यह 'रिमोट एक्सेस प्लेटफॉर्म' की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
इसके माध्यम से अब विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए कहीं भी, कभी भी अध्ययन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।"
कुलपति ने कहा, "केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा रिमोट एक्सेस प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के लिए इनफ्लिबनेट की सेवाओं का प्रयोग किया गया है। इसके साथ-साथ इस संबंध में नजदीकी शिक्षण संस्थाओं को भी एक्सेस उपलब्ध करवाने के लिए प्रकाशकों से बातचीत की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि इनफ्लिबनेट द्वारा निशुल्क या कम शुल्क में दी जाने वाली सेवाओं का विभिन्न शिक्षण संस्थानों को अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए।"