कोरोना वायरस के कारण बंद हुए स्कूल और शैक्षणिक कार्यक्रमों की भरपाई अब ई-क्लासरूम के जरिए की जाएगी। केंद्र सरकार जल्द ही छात्रों के लिए एक ई-क्लासरूम स्थापित करने जा रही है। खास बात यह कि इस ई-क्लासरूम को छात्रों के पाठ्यक्रम और स्कूली शिक्षा के आधार पर तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "स्कूल बंद होने के बाद भी हमारे छात्र अपने स्कूली पाठ्यक्रम से जुड़े रहें, इसके लिए हम ई-क्लासरूम स्थापित करने जा रहे हैं। यह विशेष ई-क्लासरूम स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल पर सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। डीटीएच पर उपलब्ध ई-क्लासरूम के सभी तथ्य हमारे छात्रों के मौजूदा पाठ्यक्रम पर आधारित हैं।
"केंद्रीय मंत्री ने कहा,"डीटीएच पर उपलब्ध कराए जाने वाले ई-क्लासरूम स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल पर प्रतिदिन 4 घंटे के लिए उपलब्ध होगी।"यह विशेष ई-क्लासरूम अलग-अलग राज्यों के छात्रों के अनुरूप वहां पढ़ाए जा रहे मौजूदा पाठ्यक्रम पर आधारित हो सकते हैं। निशंक ने देशभर के छात्रों के लिए संदेश जारी करते हुए कहा, "कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आप सभी छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में मेरा आग्रह है कि इस चैनल के माध्यम से जुड़कर अपनी पढ़ाई से जुड़े रहें।"
मंत्री निशंक ने देशभर के छात्रों से कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने की भी अपील की है। निशंक ने छात्रों से आवाहन किया है कि वे अपने अभिभावकों और आसपास के लोगों को भी इस बीमारी के प्रति जागरूक बनाए और उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दें। निशांत ने कहा, "मेरा आप सभी से निवेदन है कि ऐसे मौके पर जागरूकता बरतें। अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें और स्वास्थ्य मंत्रालय से मिल रहे परामर्श का पालन करें।"उन्होंने कहा, "छात्रों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए हमने सीबीएसई और एनआईओएस को 31 मार्च, 2020 तक परीक्षा और परीक्षाओं का मूल्यांकन स्थगित करने का निर्देश दिया है।
मेरी सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क और जागरूक रहें।"उन्होंने कहा, "सभी छात्रों से स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का पालन करने का अनुरोध करता हूं। हमसब मिलकर कोरोना वायरस से लड़ सकतें हैं। खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें। जैसा कि हम सभी को विदित हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले पूरे विश्व में लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है।"