नई दिल्ली। देशभर के विश्वविद्यालयों का नया शैक्षणिक सत्र इस बार सितंबर में शुरू किया जाएगा। लॉकडाउन के कारण कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र को दो माह की देरी से शुरू किया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान कॉलेज बेशक बंद रहे, लेकिन इस अवधि के लिए सभी छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत दर्ज की जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में नया सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए, इसके लिए एक विशेष समिति गठित की थी। यूजीसी द्वारा गठित इस सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा से जुड़े मुद्दों और अकादमिक कैलेंडर को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है।विशेष समिति ने यूजीसी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है, लॉकडाउन के दौरान सभी छात्रों की उपस्थिति सत प्रतिशत दर्ज की जाए।
समिति की सिफारिश को अगले सप्ताह यूजीसी स्वीकृत दे सकता है। छात्रों की उपस्थिति इसलिए दर्ज की जा रही है, ताकि सभी छात्र फाइनल परीक्षाओं में शामिल हो सकें।समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है, देशभर के सभी कॉलेजों में सप्ताह में छह दिन पढ़ाई होनी चाहिए। परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए। समिति शनिवार को भी कॉलेज चालू रखने की पक्षधर है।
यूजीसी की इस समिति के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर. सी. कुहाड़ हैं। सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक ए.सी. पांडेय, वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति राज कुमार शामिल हैं।
समिति ने अपनी एक अन्य सिफारिश में कहा है, जहां प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया शैक्षणिक सत्र एक सितंबर से शुरू किया जाए, वहीं सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सत्र एक अगस्त से शुरू किया जा सकता है।समिति ने आगे कहा, 16 से 30 मई के बीच वायवा लिया जाए। इंटरनल एसेसमेंट और वायवा दोनों ही ऑनलाइन तरीके से लिए जाएंगे।
इससे पहले यूजीसी ने एक बैठक बुलाई। बैठक के उपरांत यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने कहा, सोमवार शाम समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कॉलेजों की परीक्षाओं और शैक्षणिक सत्र शुरू किए जाने को लेकर चर्चा की गई। यूजीसी के कई सदस्यों ने कमेटी की रिपोर्ट पर अपने सुझाव पेश किए हैं।