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Covid-19: गोरक्षपीठ का कॉलेज मुहैया करा रहा एक गांव को सैनिटाइजर और मास्क

पहल छोटी है पर संदेश बड़ा है। साथ ही और संस्थाओं के लिए प्रेरक भी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर से सटे एक छोटी सी जगह है जंगल धूसड़ (पिपराइच)।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 12, 2020 15:39 IST
college of gorakshpeeth providing sanitizer and mask to a...- India TV Hindi
college of gorakshpeeth providing sanitizer and mask to a village

गोरखपुर। पहल छोटी है पर संदेश बड़ा है। साथ ही और संस्थाओं के लिए प्रेरक भी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर से सटे एक छोटी सी जगह है जंगल धूसड़ (पिपराइच)। वहीं पर है, महाराणा प्रताप महाविद्यालय। यह विद्यालय महाराणा प्रताप शिक्षण संस्थान से जुड़े चार दर्जन संस्थाओं में से एक है। कुछ अलग करना इसका शगल है। कोरोना के संकट में भी मंझरिया गांव में यह कॉलेज यही कर रहा है। इस क्रम में लोगों को कॉलेज की प्रयोगशाला में बने सैनिटाइजर पहले चक्र में नि:शुल्क बांटा जा चुका है। और यहीं पर बने मास्क बांटने की तैयारी है।

महराणा प्रताप शिक्षण संस्थान गौरक्षपीठ के अधीन है ओर इसके पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ हैं।कॉलेज के प्राचार्य डा. प्रदीप राव ने बताया, "हमने कह रखा है जितने सैनिटाइजर की जरूरत होगी, हम देंगे। शर्त इतनी सी है कि शीशी सुरक्षित रखें।"उन्होंने बताया कि बीएचयू आईआईटी के प्रोफेसर बी रंगानाथम के निर्देशन में हम लोग यहां सैनिटाइजर बना रहे हैं। उन्होंने इसके लिए एक रिसर्च स्कालर मनीष को इसी कार्य के लिए तैनात किया है।

ज्ञात हो कि मिश्रित आबादी वाले मंझरिया गांव में 200 परिवार रहते हैं। कॉलेज के बीएड के विद्यार्थियों ने साक्षरता और जागरुकता के लिए इस गांव को गोद ले रखा है। बीएड के विद्यार्थी को चार माह तक किसी कलेज में पढ़ाना होता है। कॉलेज प्रशासन ने तय किया कि किसी कॉलेज में जाकर ऐसा करने की बजाय क्यों न हम किसी गांव को ही अपना विद्यालय और वहां के लोगों को अपना विद्यार्थी मानकर इस काम को शुरू करें।

फिर तो मंझरिया को गोद लेकर दो साल पहले यह काम शुरू हुआ। फोकस सेहत, साक्षरता और स्वच्छता पर था। इस बीच कोरोना का संकट आया। लिहाजा सारा फोकस सेहत और स्वच्छता पर हो गया।डॉ. राव बताते हैं, "वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे सांसदों को गांव गोद लेने की अपील की तबसे यह सिलसिला चल रहा है।

वैसे हमारे यहां अनिवार्य है कि हर विभाग एक गांव गोद ले। इस तरह हम 26 गांवों को सेहत, स्वच्छता और जागरुकता के लिए गोद ले चुके हैं। पर बीएड के विद्यार्थियों के लिए यह तय समय के लिए पाठ्यक्रम का हिस्सा है लिहाजा वहां नतीजे भी अच्छे हैं। सैनिटाइजर के बाद हम हर परिवार को एक जोड़ी मास्क देने जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दुबारा भी देंगे।

अगला लक्ष्य हमारा हसनगंज गांव है। इस गांव में सेहत, सुरक्षा और स्वच्छता के अलावा हर पात्र को केंद्र और प्रदेश सरकार की जनहित की योजनाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य है। सूची तैयार कर जिला प्रशासन को इस बाबत अवगत कराया जा चुका है। हालात समान्य होते ही काम शुरू हो जाएगा।"

गोरखपुर से लंबे समय तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडेय के ने बताया कि लीक से हटकर लगातार कुछ करते रहना इसकी खूबी है। हर क्षेत्र में विद्यालय ने अपनी स्थापना के बाद से कुछ अलग किया है और नये प्रतिमान स्थापित किये हैं।

 

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