ISRO: भारत के स्पेस मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के सिलेक्शन का पहला चरण पूरा कर लिया गया है। यह प्रोसेस इंस्टिट्यूट ऑफ एयरस्पेस मेडिसिन में भारतीय वायुसेना कर रही है। गगनयान के अंतर्गत भारत 2022 तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजकर वापस लाना चाहता है। इस मिशन पर 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
हम कैसे जाये अंतरिक्ष मे
भारतीय वायुसेना की ओर से यह जानकारी दी गई कि चुने गए पायलट्स को शारीरिक टेस्ट्स, लैब परीक्षण, रेडियॉलजिकल टेस्ट्स, क्लिनिकल टेस्ट्स और साइकॉलजी के आधार पर मापा गया। बता दें कि गगनयान मिशन के लिए चयनित होने वाले 12 संभावित भारतीय अंतिरक्ष यात्रियों में से चार का चयन रूस करेगा और उन्हें अपने यहां प्रशिक्षण भी देगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम नवंबर महीने से शुरू होगा और 15 महीने तक चलेगा।
ऐसे चुने जा रहे अंतरिक्ष यात्री
मिशन के निर्धारित लक्ष्यों के मुताबिक, भारत अपने कम-से-कम तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 5 से 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजेगा जहां वे विभिन्न प्रकार के माइक्रो-ग्रैविटी टेस्ट को अंजाम देंगे। भारत ने गगनयान मिशन में सहयोग के लिए रूस और फ्रांस से करार किया है। पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मॉस्को में इसरो के तकनीकी संपर्क केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी।
इससे खासकर गगनयान जैसे प्रॉजेक्ट में सहयोग मिलने में आसानी की उम्मीद है। गगनयान परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है। इनमें प्रौद्योगिकी विकास, यान के निर्माण और जरूरी आधारभूत ढांचे का विकास शामिल है।