नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की किताब से कोई चैप्टर नहीं हटाया है। बोर्ड ने उन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि दसवीं कक्षा की सोशल स्टडीज की किताब में से 5 चैप्टर्स को 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में नहीं पढ़ाया जाएगा। बोर्ड ने बयान जारी कर कहा है कि ये सारे चैप्टर्स सिलेबस में हैं, उन्हें छात्रों को पढ़ाया जाएगा और इनका मूल्यांकन भी किया जाएगा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सीबीएसई के दसवीं के सिलेबस से शासन व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक सुधार के समक्ष समस्याओं के संबंध में ‘लोकतंत्र की चुनौती’, सामाजिक विभेद की राजनीति पर ‘लोकतंत्र और विविधता’, नेपाल और बोलीविया समेत अन्य स्थानों में संघर्ष विषय पर ‘राजनीतिक संघर्ष और आंदोलन’ जैसे चैप्टर्स हटा दिए गए हैं। साथ ही दो अन्य अध्यायों में जैव विविधता, घटते वन, एशियाई चीता और अन्य लुप्तप्राय प्राणियों के बारे में ‘वन और वन्य जीव’ तथा जल संरक्षण विषय पर ‘जल संसाधन’ हैं।
बोर्ड ने अपने बयान में कहा है कि इन चैप्टर्स को प्रॉजेक्ट वर्क और एक्सपेरिमेंटल लर्निंग के जरिए कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से समझा जा सकता है और मूल्यांकन किया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि इन चैप्टर्स का मूल्यांकन पेन-पेपर टेस्ट की बजाय क्विज, डिबेट, रोल प्ले, ड्रामाटिक्स, ग्रुप डिस्कशन, ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन्स, विजुअल एक्सप्रेशन और अन्य विविध तरीकों से किया जाएगा। बोर्ड ने यह भी कहा है कि इंटरनल में मिलने वाले नंबर फाइनल एग्जाम के स्कोर में भी दिखाई देंगे।