भारत की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार भारत मेें उच्च शिक्षा के लिए जल्द ही उच्च शिक्षा आयोग (HECI) की स्थापना की जाएगी। यह आयोग मौजूदा यूजीसी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) का स्थान लेगा। इस बिल को अक्तूबर में कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने पिछले साल इससे जुड़ी घोषणा की थी। जिसमेें कहा गया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम, 1951 को निरस्त कर यूजीसी को समाप्त किया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत का उच्च शिक्षा आयोग एक मात्र नियामक होगा जो UGC और AICTE की जगह लेगा। उन्होंने बताया कि राज्यों के साथ सलाह लेने के बाद इस बिल को तैयार किया गया है। इसे अक्टूबर में कैबिनेट में पेेश किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया "यूजीसी अधिनियम, 1951 और एआईसीटीई अधिनियम, 1987 को हटा कर एचईसीआई को बनाया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ’ने जुलाई में संसद को सूचित किया था कि एचईसीआई शिक्षा की स्तर को बेहतर बनाने का काम करेगा। साथ ही शैक्षणिक मानकों के रखरखाव और ज्ञान, नवाचार, कौशल और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए अच्छा प्रदर्शन करनेे वाले शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता को प्रोत्साहित करेगा।
यूजीसी देश भर के विश्वविद्यालयों के लिए नियामक है, वहीं एआईसीटीई इंजीनियरिंग, फार्मेसी, प्रबंधन और अन्य तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के लिए एक नियामक के रूप में कार्य करता है। पहले के ड्राफ्ट बिल में एचईसीआई को शैक्षणिक मामलों को नियंत्रित करने का प्रस्ताव दिया गया था, जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री के तहत एक सलाहकार बोर्ड को विश्वविद्यालयों को मौद्रिक अनुदान जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन इसे लेकर विभिन्न छात्र समूहों नेे विरोध किया था।