नई दिल्ली के स्कूलों में 12,000 से ज्यादा कमरे अप्रैल तक तैयार हो जाएंगे। इन कमरों के तैयार होने की समय-सीमा दिसंबर में एक बार बीत चुकी है। 28 जनवरी, 2019 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया ने इन कमरों की आधारशिला सरकारी स्कूल अवसंरचना के सबसे बड़े विस्तार चरण के तहत रखी थी। हालांकि, इन इन कमरों के बनने में चार महीने और लगेंगे, लेकिन कक्षाएं अरविंद केजरीवाल सरकार की योजनाओं के अनुरूप तैयार होंगी, जिसे उन्होंने अपने बीते कार्यकाल में शुरू किया। सिसोदिया ने कहा कि नए कमरे आगामी अकादमिक सत्र से एक अप्रैल से छात्रों के लिए खुल जाएंगे।
इसमें कक्षाएं भी शामिल हैं। सिसोदिया फिर से दिल्ली के शिक्षा मंत्री हैं। सिसोदिया ने कहा कि निर्माण में देरी मार्च और मई 2019 के बीच लोकसभा के लिए आदर्श आचार संहिता के वजह से हुई, जबकि शीर्ष कोर्ट ने अक्टूबर 2019 से दिल्ली में सभी निर्माण पर रोक लगा दी थी, ऐसा गंभीर वायु प्रदूषण की वजह से किया गया था। सिसोदिया ने कहा, "मैं रोजाना आधार पर निर्माण की निगरानी कर रहा हूं। हालांकि, एमसीसी लोकसभा चुनावों के लिए लगाया गया था और इससे निर्माण प्रभावित हुआ। इसके अलावा, सर्दियों की शुरुआत के साथ शहर में गंभीर प्रदूषण रहा, जिसके कारण दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किया गया था। दिल्ली में जीआरएपी लागू होने पर शहर में सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि एमसीसी के दौरान किसी भी नई निविदा को लाने की अनुमति नहीं दी गई और इसलिए कुछ जगहों पर कार्य देर से शुरू हुआ। शिक्षा मंत्री ने कहा कि निर्माण में देरी के लिए दो कारण जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, "नए शैक्षणिक सत्र तक नई कक्षाएं तैयार हो जाएंगी।"सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आंशिक रूप से निर्माण गतिविधियों पर से प्रतिबंध हटा लिया था और उसे सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक की इजाजत दी थी। रोक को पूरी तरह से 14 फरवरी को हटा लिया गया।