नई दिल्ली। यूजीसी की एक विशेष समिति ने एमफिल और पीएचडी के छात्रों को विशेष राहत प्रदान की है। समिति ने यूजीसी को भेजी अपनी सिफारिश में कहा है कि एमफिल और पीएचडी करने वालों को थीसिस जमा करने के लिए तय आखिरी तारीख से छह माह और दिए जाएं। समिति इसके साथ ही परीक्षा ऑनलाइन कराने और विश्वविद्यालय की परिस्थिति के हिसाब से ऑनलाइन या ऑफलाइन, ओपन बुक एग्जाम करवाने की सिफारिश की है।
कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस लॉकडाउन का असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ा है। पीएचडी और एमफिल के छात्र लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन छात्रों की सभी प्रयोगशालाएं बंद पड़ी हैं। इसके साथ ही कई एमफिल और पीएचडी छात्रों को इसी महीने अपनी थीसिस भी जमा करवानी है।
पीएचडी की एक छात्रा नूपुर ने कहा, पीएचडी तथा एमफिल के रिसर्चर को अपनी थीसिस जमा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यूजीसी के नियमानुसार और दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यादेशों के मुताबिक शोध की डिग्री प्राप्त करने के लिए कई शोधार्थियों को सेमिनार, थीसिस जमा करवाना होता है। विश्वविद्यालय के अध्यादेश के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर इनमें से कई शोधार्थियों को अपना प्री-पीएचडी सेमिनार करना था अथवा पीएचडी, एमफिल थीसिस जमा करनी थी।
यूजीसी की इस समिति के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर.सी. कुहाड़ हैं। सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक ए.सी. पांडेय, वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति राज कुमार शामिल हैं।समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है, पीएचडी, एमफिल स्कॉलर्स को डिग्री पूरी करने और थीसिस जमा करने के लिए छह महीने का एक्सटेंशन पीरियड जोड़ा जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य वी. एस. नेगी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह को पीएचडी एवं एमफिल शोधार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के प्रकोप के कारण उत्पन्न हुई आपातकालीन परिस्थितियों के मद्देनजर एमफिल और पीएचडी छात्रों के लिए थीसिस जमा करवाने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी।