श्रावस्ती के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नौकरी करने पर बर्खास्त किये गए छह शिक्षकों को एक करोड़ 37 लाख रुपये की वसूली के लिये नोटिस जारी किया है। बहराइच के बेसिक शिक्षा अधिकारी भी ऐसे चार बर्खास्त शिक्षकों से लाखों रुपये की वसूली के लिये नोटिस जारी कर चुके हैं। श्रावस्ती जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओंमकार राणा ने बुधवार को बताया कि पिछले वर्ष विभाग में फर्जी अभिलेखों व अभिलेखों में हेराफेरी कर प्रधान अध्यापक व सहायक अध्यापक की नौकरी करते आधा दर्जन लोग पकड़े गये थे। उन्होंने कहा कि जांच में प्रमाण-पत्र फर्जी मिलने पर नौकरी कर रहे इन शिक्षकों को बर्खास्त कर इनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हुए थे।
उन्होंने बताया कि बहराइच के अजीत शुक्ल टीईटी अनुत्तीर्ण थे। इन्होंने किसी अन्य अभ्यर्थी का टीईटी पास प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी हासिल कर ली थी। विभाग ने इन्हें बर्खास्त कर इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। शुक्ल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके मुताबिक संतकबीर नगर के शोभनाथ, गोरखपुर के राजीव उपाध्याय तथा बलरामपुर के कन्हैया सिंह दूसरे लोगों के प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी कर रहे थे। बीएसए ने बताया कि एटा के मनोज कुमार व फीरोजाबाद के राजकुमार ने अंक-पत्र में हेराफेरी कर नौकरी पाई थी। इन पांचों को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभी तक ये पांचों फरार हैं। पुलिस इन्हें तलाश रही है।
बीएसए ने बताया कि श्रावस्ती के छह बर्खास्त शिक्षकों द्वारा वेतन, भत्ता व अन्य मदों में आहरित किए गये एक करोड़ 37 लाख 21 हजार 245 रूपये की वसूली के लिये नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि 20 जून तक रकम जमा नहीं होने पर राजस्व वसूली की तरह कानूनी कार्रवाई होगी। बहराइच व प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले पकड़ में आए थे। बहराइच के बीएसए दिनेश कुमार यादव ने बुधवार को बताया कि 2018 में यहां के चार शिक्षकों कुलदीप कुमार, शिशुपाल, मनीष यादव व प्रेम पाल को फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करते पकड़े जाने पर एसआईटी की जांच के बाद बर्खास्त किया गया था। इनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हुए थे। साथ ही इनके द्वारा आहरित वेतन, भत्ते व अन्य राशियों की वसूली के लिये चारों को नोटिस दिये गये हैं।