लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में अपना अहम फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार अध्यापक भर्ती मामले में यूपी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि 6 महीने में सरकार को 69 हजार टीचर की भर्ती करना होगा। 6 जनवरी 2019 को 69 हजार टीचर की भर्ती के लिए इम्तिहान हुए थे लेकिन मामला कोर्ट पहुंच गया था। सामान्य वर्ग के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 फीसदी और रिजर्व के लिये 60 फीसदी थे जिसे चुनौती दी गई थी।
आपको बता दें कि भर्ती प्रक्रिया करीब डेढ़ साल से अटकी थी। राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाई। बता दें कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह जनवरी 2019 को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी।
उधर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगी और स्कूलों में शिक्षक पठन-पाठन का काम शुरू करेंगे।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, भर्ती विज्ञापन में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को न्यूनतम कट ऑफ अंक अर्जित करना होगा, हालांकि उस वक्त यह नहीं बताया गया था कि यह कट-ऑफ अंक कितना होगा। शासनादेश में इसका जिक्र नहीं किया गया था, बाद में शासन द्वारा कट-ऑफ अंक की घोषणा की गई जिसके तहत सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 150 में से 97 (65 फीसदी) और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 150 में 90 अंक (60 फीसदी) लाने की बात कही गई। इसी कटऑफ को लेकर परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के बाद 3 मार्च 2020 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
4,10,440 परीक्षार्थियों ने दी थी परीक्षा
दरअसल, राज्य के परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह दिसंबर से 20 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसके बाद 6 जनवरी 2019 को राज्य के 800 परीक्षा केंद्रों पर 4,10,440 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी और 21 हजार 26 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी।