UP Board Exam Result 2020: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (शिक्षा) रमेश पोखरियाल निशंक से बातचीत के दौरान 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर स्थिति साफ कर दी है। डॉ. शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं (हाईस्कूल) और 12वीं (इंटरमीडिएट) बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 04 मई से शुरू किया जाएगा।
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन से संबंधित दिशा-निर्देश जल्द जारी होंगे। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन 4 मई से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। सब कुछ सही रहा और यदि लॉकडाउन में 3 मई को छूट मिली तो कॉपियों का मूल्यांकन 4 मई से शुरू होगा। मूल्यांकन केंद्र पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर दो-दो विषयों की कॉपियों के मूल्यांकन से शुरूआत करने की तैयारी की जा रही है। वहीं विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेज में स्नातक व अन्य कक्षाओं की बची हुई परीक्षाएं लॉकडाउन के बाद करवाई जाएंगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पाठ्यक्रम को सीमित करने का सुझाव दिया तो उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम अपनाया है। ऐसे में एनसीईआरटी द्वारा यदि 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम स्वीकार करने का निर्णय लिया जाता है तो तो उत्तर प्रदेश प्राथमिकता पर विचार करेगा। बता दें कि, बीते मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (शिक्षा) रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इसी के चलते उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने इस दौरान पढ़ाई, परीक्षा और रिजल्ट से संबंधित स्थिति के बारे में जानकारी दी।
डॉ. दिनेश शर्मा ने 18 जिलों में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने बताया कि अभी तक 42.56 लाख विद्यार्थियों को वाट्सएप वर्चुअल क्लास के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है। दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से प्रतिदिन पढ़ाई करवाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सुझाव कि पाठ्यक्रम को सीमित किया जाए इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि यह अभी उचित नहीं होगा। भविष्य में यदि परिस्थितियां अधिक विपरीत हों तो इस पर विषय विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कोई निर्णय लिया जाए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत के दौरान डॉ. दिनेश शर्मा ने मांग की है कि 18 जिलों में जहां केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं वहां केंद्रीय विद्यालय खोले जाएं ताकि गरीब विद्यार्थियों को और अच्छी सुविधा मिले।