Karnataka sslc exam 2020: सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद कर्नाटक में आज से दसवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई हैं। परीक्षाओं के लिए सरकार पूरी तरह से एहतियात बरत रही है। एक्जाम सेंटर्स में पहुंचे बच्चों की थर्मल स्कैनिंग के बाद उन्हें मास्क और सैनेटाइजर भी प्रदान किया गया। 10वीं की ये परीक्षाएं 4 जुलाई को खत्म होंगी। कोरोना संकट के चलते अधर में लटकी इन परीक्षाओं को लेकर पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने परीक्षा न करवाने की अपील से जुड़ी याचिका को खारिज के दिया था। इस परीक्षा में राज्य भर के तकरीबन साढ़े आठ लाख बच्चे 10वीं की परीक्षा में बैठ रहे हैं।
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राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कोरोना संकट को देखते हुए परीक्षा केंद्रों में सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड सेनिटाइजेशन और तमाम ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। सुरेश कुमार के मुताबिक स्टूडेंट्स की सेफ़्टी को लेकर कोर्ट के निर्देशों का पूरा पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कंटेन्मेंट इलाकों में रहने वाले और किसी कारणवश परीक्षा न लिख पाने वाले तकरीबन 13 हज़ार बच्चों को फिलहाल छूट दी गई है उन्हें आने वाले दिनों में एक और अवसर दिया जाएगा।
दरअसल पड़ौसी राज्य तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और यहाँ तक कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करते हुए इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर सभी बच्चों को प्रमोट करने का फैसला किया था। इसके बाद से कर्नाटक में भी इस बात की माँग उठने लगी। हालांकि कोर्ट ने परीक्षाएं करवाने के निर्देश दिए हैं लेकिन पेरेंट्स का कहना है कि कोरोना के डर के चलते बच्चों की मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे शांति से परीक्षा लिख सकें। साथ ही रोज बढ़ते मामलों ने भी अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, स्टूडेंट्स में भी कोरोना को लेकर डर है।
इन सब के बीच राज्य सरकार का मत है कि दसवीं के बच्चों की मेरिट के आधार पर इन्साफ होना जरूरी है इसीलिए परीक्षा ली जा रही है, लेकिन सवाल ये भी है कि लाखों बच्चों में अगर किसी को कोरोना हो गया तो फिर क्या होगा।