नई दिल्ली: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित मैट्रिक (10वीं) की परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार से शुरू हो गई। इस परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 1,418 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा में राज्यभर से 16 लाख 60 हजार 609 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। प्रतिदिन दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए इस साल समिति द्वारा पुख्ता व्यवस्था की गई है। सभी परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
नकल की सख्ती के चलते छात्रों की 2 बार जांच की जाएगी। पहली बार गेट पर प्रवेश के समय और दूसरी बार परीक्षा हॉल में। इस बार सख्ती के चलते कई छात्र बिना जूता-मोजा पहने ही पेपर देने पहुंचे हैं। इसके अलावा एडमिट कार्ड में इस बात का जिक्र किया गया था कि परीक्षार्थियों की परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक ही प्रवेश मिलेगा। जिसके बाद परीक्षा केंद्र पर देर से पहुंचे कुछ छात्रों को एंट्री नहीं दी गई।
समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षार्थियों पर जूता-मोजा पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई है। केंद्र के भीतर मोबाइल, ब्लू टूथ, कैलकुलेटर सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रनिक डिवाइस लेकर प्रवेश वर्जित है। केंद्राधीक्षक के अलावा किसी भी पदाधिकारी, कर्मचारी और वीक्षक को मोबाइल के साथ प्रवेश वर्जित रहेगा।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के एक अधिकारी ने बताया कि 12वीं (इंटरमीडिएट) परीक्षा की तर्ज पर इस बार मैट्रिक की उत्तर पुस्तिका और ओएमआर शीट पर परीक्षार्थियोंका नाम, रोल नंबर, रोल कोड और विषय कोड प्रिंटेड मिलेगा। किसी प्रकार की इलेक्ट्रनिक डिवाइस लेकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश वर्जित रहेगा। सुबह परीक्षा प्रारंभ होने से पहले केंद्रों पर अभिभावकों की भीड़ देखी गई थी, परंतु परीक्षा प्रारंभ होने के बाद भीड़ छंट गई। परीक्षा 28 फरवरी तक चलेगी।