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Covid-19 के बढ़ते मामलों के चलते ICAI रद्द कर सकता है CA की परीक्षा

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि देश में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वह 29 जुलाई से 16 अगस्त के दौरान प्रस्तावित सीए की परीक्षाएं आयोजित करने की व्यवहार्यता का आकलन करेगा और इस संबंध में राज्यों तथा परीक्षा केंद्रों से भी परामर्श करेगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 02, 2020 16:31 IST
ICAI may cancel CA exam due to increasing cases of Covid-19: भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) न- India TV Hindi
Image Source : FILE Covid-19 के बढ़ते मामलों के चलते ICAI रद्द कर सकता है CA की परीक्षा

नई दिल्ली। भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि देश में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर वह 29 जुलाई से 16 अगस्त के दौरान प्रस्तावित सीए की परीक्षाएं आयोजित करने की व्यवहार्यता का आकलन करेगा और इस संबंध में राज्यों तथा परीक्षा केंद्रों से भी परामर्श करेगा। आईसीएआई के वकील ने न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ से कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं जिसकी वजह से कुछ राज्यों ने पाबंदियों की अवधि बढ़ा दी है।

आईसीएआई के वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि जमीनी हालात का आकलन करने और परीक्षाएं आयोजित करवाने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए उन्हें परीक्षा केंद्रों से संपर्क करना होगा और इसके लिए कुछ वक्त की जरूरत होगी। पीठ वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आईसीएआई द्वारा उम्मीदवारों को दिए गए ‘नहीं अपनाने (ऑप्ट आउट)’ के विकल्प को चुनौती दी गई है। पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद इस मामले को 10 जुलाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह विकल्प सीए की मई माह में होने वाली परीक्षा देने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए पक्षपातपूर्ण है। इससे पहले, न्यायालय ने 29 जून को कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच आईसीएआई को परीक्षाओं का आयोजन करने में लचीला रूख अपनाना चाहिए और उम्मीदवारों की चिंताओं का भी ध्यान रखना चाहिए। उसने कहा था कि परीक्षा की निर्धारित तारीख से एक हफ्ता पहले तक उसे उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में बदलाव का विकल्प उपलब्ध करवाना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस संबंधी परिस्थितियों में कोई इलाका निषिद्ध क्षेत्र भी हो सकता है।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि आईसीएआई को ‘‘नहीं अपनाने’’ और परीक्षा केंद्र के बदलाव के विकल्प पर भी लचीला रूख अपनाना चाहिए क्योंकि महामारी को लेकर परिस्थितियां लगातार बदल रही हैं। याचिकाकर्ता ‘इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष ने याचिका में दावा किया कि आईसीएआई ने कहा है कि मई में होने वाली परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके छात्रों को परीक्षा ‘नहीं देने’ का विकल्प मुहैया कराया जाएगा और वे नवंबर 2020 में होने वाली परीक्षा में बैठ सकते हैं।

याचिका में कहा गया, ‘‘प्रतिवादी संख्या 1 आईसीएआई ने अधिसूचित किया है कि जिन छात्रों ने ‘परीक्षा नहीं देने’ (ऑप्ट आउट) का विकल्प चुना है, उनके लिए मई 2020 में होने वाली परीक्षा को निरस्त माना जाएगा। इस तरह, ये छात्र परीक्षा देने का विकल्प चुनने वाले अन्य छात्रों की तुलना में मई में होने वाली परीक्षा से वंचित रह जाएंगे।’’ याचिका में मांग की गयी है कि इस संबंध में 15 जून को की गयी घोषणा को रद्द किया जाए।

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