लखनऊ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों को सहूलियत देने के लिए परीक्षा अयोजन के अन्य कई विकल्प पर विचार करने की मांग सरकार से की है। संगठन के राष्ट्रीय मंत्री राहुल वाल्मीकि ने बताया कि महामारी में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। अभी हालात ठीक नहीं हैं। सरकार पहले तो परीक्षा को आगे बढ़ाए। अगर ऐसा नहीं हो पा रहा तो अन्य कई विकल्प हैं, जिन पर विचार किया जा सकता है। इस मसले को लेकर उपमुख्यमंत्री डा़ॅ दिनेश शर्मा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया गया है।
राहुल ने बताया कि संक्रमण की परिस्थितियों को देखते हुए अभी परीक्षा संभव है या नहीं, इस पर विचार किया जाए, अत: परीक्षाओं की तिथियों पर पुनर्विचार करते हुए इन्हें आगे बढ़ाने पर व परीक्षाओं के आयोजन में किसी प्रकार की जल्दीबाजी न हो। उन्होंने बताया कि परीक्षा के विभिन्न विकल्पों, जैसे प्रोजेक्ट वर्क, ग्रेडिंग प्रणाली, कैरी ओवर, वाइब (ज्ञापन संलग्न) वगैरह सुझाए गए हैं। यूजीसी और एमएचआरडी की गाइडलाइंस अनुसार, अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं प्रस्तुत विकल्पों के आधार पर कराई जाए।
राष्ट्रीय मंत्री ने बताया, "हमने सरकार से कहा है कि छात्रों की फीस, किराया माफी जैसे बिंदुओं पर गंभीरता से विचार किया जाए। विद्यार्थियों का आनॅलाइन बाइबा लिया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं है। वहां दूरसंचार के माध्यम को अपनाया जा सकता है। परीक्षाफल में सेशनल और इंटरनल परीक्षा के अंकों को आधार बनया जा सकता है। एक विषय एक पेपर की प्रणाली को अपनाया जा सकता है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सप्लीमेंट्री पेपर की व्यवस्था की जा सकती है। एप और असाइमेंट के माध्यम से भी परीक्षा करवाई जा सकती है।
सरकार समर्थक छात्र संगठन ने प्रदेश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों से विस्तृत चर्चा के बाद ही सरकार को अपने सुझाव दिए हैं। संगठन का मत है कि यूपी सरकार परीक्षा के प्रस्तुत विकल्पों को छात्र हित में संवेदनापूर्वक विचार करते हुए परीक्षाएं संपन्न कराई जाएं।