नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के छात्रों से पूर्वोत्तर राज्यों का भ्रमण करने की अपील करते हुये कहा कि देश का यह इलाका हर नजरिये से अतिसमृद्ध है। मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम के दौरान अधिकार और दायित्व के बारे में पूछे गये एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि यह सही है कि स्कूली पाठ्यक्रम में समय के साथ बहुत विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में नागरिक शास्त्र पढ़ाया जाता था, अब यह विषय सीमित होता जा रहा है, उसमें हमें अधिकार और कर्तव्यों के बारे में पढ़ाया जाता था।’’
उन्होंने पूर्वोत्तर की छात्रा द्वारा अधिकार और कर्तव्य के बारे में पूछे जाने पर खुशी जाहिर करते हुये कहा कि देश के छात्रों को घूमने के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के भ्रमण हेतु जरूर जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि वस्तुत: मूलभूत अधिकार होते ही नही हैं, बल्कि मूलभूत कर्तव्य होते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘अगर हम अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाह करें तो किसी को अपने अधिकारों की मांग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से भविष्य में देश और समाज में खुद को नेतृत्व करने की भूमिका के लिये अभी से तैयार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज की किशोर पीढ़ी 2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश में नेतृत्व की भूमिका में होंगे। जब देश आजादी के सौ साल मनायेगा तब अगर आपको टूटी फूटी व्यवस्था मिले तो क्या आप नेतृत्व की जिम्मेदारी का निर्वाह कर पायेंगे, शायद नहीं।’’
मोदी ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिये कि मैं ऐसा क्या कर्तव्य निभाऊं जिससे देश का लाभ हो। हम सोचें कि 2022 में जब आजादी के 75 साल होंगे तब हम संकल्प लें कि हम अपने देश में ही निर्मित वस्तुओं को खरीदेंगे। इससे देश की अर्थव्यव्था को मजबूत बनाने के प्रति हमारे कर्तव्य की पूर्ति होगी।’’