नई दिल्ली। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को लेटर लिखा है। दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 10वी और 12वी की बची हुई परीक्षा कराने में असमर्थ बताया। उन्होनें कहा 10वीं और 12वीं के छात्रों को प्री बोर्ड और इंटरनल एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट घोषित कर देना चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने कहा, "मैंने 28 अप्रैल को आपके साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी यह विषय उठाया था। तब भी हमारी ओर हमारी ओर से यह सुझाव दिया गया था कि अब परीक्षाएं न करवाई जाएं और प्री बोर्ड अथवा आंतरिक परीक्षाओं अथवा आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर 10वीं 12वीं के नतीजे घोषित किए जाएं।"
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 31 जुलाई तक 5.5 लाख लोगों के कोरोना वायरस से ग्रस्त होने की आशंका है। ऐसे में कोई छात्र या उसके परिजन कोरोना पॉजिटिव हुए तो वह छात्र भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।" दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं, जो आगे और बढ़ सकते हैं। सीबीएसई के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होंगी, ऐसे में इन जोन से आने वाले बच्चे परीक्षा में कैसे शामिल होंगे।
सिसोदिया ने कहा , "दिल्ली के 251 सरकारी स्कूलों में राशन बांटने का काम किया जा रहा है। 33 स्कूलों में लोगों को को खाना खिलाया जा रहा है, 39 स्कूल शेल्टर होम, 10 ट्रांजिट माइग्रेंट कैंप और 10 स्कूल क्वारंटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अतिरिक्त बेड की जरूरत पूरी करने के लिए दिल्ली सरकार 242 स्कूलों का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।"
सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को 1 जून से अपने नजदीकी स्कूलों में जाकर रिपोर्ट करना था। यह नियम उन छात्रों पर लागू होगा जो दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ समेत किसी भी शहर से पलायन करके अपने गांव अथवा घरों को लौट चुके हैं। यह छात्र अपने गृह जनपद पर स्थित सरकारी विद्यालय में रिपोर्ट करेंगे। यह नियम उन छात्रों के लिए है जिन्हे अभी शेष रह गई सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं देनी है। बोर्ड की परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जानी हैं।