गोवा बोर्ड की कक्षा 10वीं की अंग्रेजी की परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न से विवाद पैदा हो गया है क्योंकि इसमें राज्य में नौकरियों में भर्ती में कथिततौर पर भ्रष्टाचार की बात की गई है। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है जबकि विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि यह सवाल ‘‘राज्य सरकार की वास्तविकता’’ को दर्शाता है। पिछले सप्ताह आयोजित अंग्रेजी परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न में दो व्यक्तियों के बीच के वार्तालाप का जिक्र है, जिसमें एक ने कहा कि ‘‘यहां नौकरियां कम होने के कारण उसे पुर्तगाल में नौकरी करने का विकल्प चुनना होगा क्योंकि यहां किसी को नौकरी पाने के लिए पहुंच और धन की आवश्यकता है।’’
गोवा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी स्कूल एजुकेशन के अध्यक्ष रामकृष्ण सामंत ने सोमवार को कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। सामंत ने कहा, ‘‘हम तुरंत इसकी जांच करेंगे।’’ गोवा पूर्व में पुर्तगाल का उपनिवेश रहा है। इसे 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया था। राज्य भाजपा इकाई के महासचिव नरेंद्र सवाईकर ने भी मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘प्रश्नपत्र बनाने वाले और उसे मंजूरी देने वाले जो भी लोग इस प्रक्रिया में शामिल है उनके खिलाफ गोवा बोर्ड को जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।’’ गोवा के पूर्व भाजपा प्रमुख राजेंद्र अर्लेकर ने कहा कि यह सवाल ‘‘गोवा विरोधी और भारत विरोधी भावना’’ को भड़काता है।
गोवा सुरक्षा मंच (जीएसएम) के अध्यक्ष सुभाष वेलिंगकर ने कहा कि यह प्रश्नस पुर्तगाली समर्थक मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने मामले की जांच करने और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि, गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि यह प्रश्न राज्य सरकार की वास्तविकता को दर्शाता है। उन्होंने ट्वीट किया, “लोगों की आवाज को बदलने की जरुरत नहीं है। एसएससी परीक्षा में पूछे गए इस प्रश्न में जो संदेश है वह स्पष्ट है। मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली गोवा की भाजपा सरकार भ्रष्ट है। अब यह शिक्षा व्यवस्था में भी साफ दिख रहा है।”