नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते CBSE की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र सरकार और CBSE बोर्ड ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों की बैठक जारी है और बुधवार शाम तक निर्णय ले लिया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) छात्रों की चिंता से वाकिफ हैं और इस मुद्दे पर अधिकारी शीघ्र निर्णय लेंगे। मेहता ने पीठ से मामले को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को अधिकारियों के निर्णय से अवगत कराएंगे। मेहता की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 25 जून के लिए स्थगित कर दी।
पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं। उच्चतम न्यायालय परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ छात्रों के अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में सीबीएसई को पूर्व में ली गई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित करने और इसे शेष विषयों के आंतरिक मूल्यांकन अंकों के औसत के आधार पर तय करने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसबीच, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक अलग याचिका पर सुनवाई की जिसमें कोविड-19 महामारी के बीच भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (आईसीएसई) द्वारा ली गई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है।
आईसीएसई की तरफ से पेश वकील ने पीठ से कहा कि वह सीबीएसई परीक्षा के संबंध में सरकार के निर्णय का व्यापक रूप से अनुपालन करेंगे। इस पर, पीठ ने कहा कि आईसीएसई इस मामले पर खुद निर्णय ले सकती है। मेहता ने कहा कि सीबीएसई से संबंध में लिया गया निर्णय आईसीएसई के लिए बाध्यकारी नहीं होगा। बहरहाल,न्यायालय ने दोनों विषयों की सुनवाई 25 जून के लिये निर्धारित कर दी। गौरतलब है कि बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों एवं इससे हो रही मौत पर कल चिंता जाहिर करते हुये आईसीएसई बोर्ड की 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा की परीक्षाएं जुलाई में कराने की अनुमति दिये जाने के मामले में राज्य सरकार को अपना रूख स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।