नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय कोविड—19 महामारी के मद्देनजर इसपर विचार कर रहा है कि विदेशों में स्थित सीबीएसई स्कूलों के छात्रों के लिये लंबित 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाए या नहीं और इसके लिए संबंधित देशों के राजदूतों एवं विदेशी शिक्षा मंत्रियों से बातचीत कर रहा है । मंत्रालय उन जगहों पर मूल्यांकन के तौर-तरीकों की योजना भी बना रहा है जहां व्यावहारिक स्थिति परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं देती है।
केंद्रीय माध्यममिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह विदेशों में लंबित परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा । इसके बाद छात्रों की तरफ से बोर्ड को कुछ सवाल एवं पत्र प्राप्त हुये जिनमें उन्होंने विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश सहित अपने भविष्य की संभावनाओं के प्रति चिंता जाहिर की थी । अधिकारियों के अनुसार मानव सांसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से वहां की मौजूदा स्थिति एवं लंबित परीक्षा आयोजित कराने की वयवहार्यता पर फीडबैक मांगा है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कोई सामान्य समाधान व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। बहरहाल, अगर किसी देश में स्थिति में सुधार होता है तो कम से कम वहां परीक्षा आयोजित कराना अच्छा होगा । उदाहरण के लिये जापान में हमारा एक स्कूल है और उस विशेष क्षेत्र में अगर स्थिति में सुधार होता है तो वहां परीक्षा आयोजित की जा सकती है।'
अधिकारी ने कहा, 'दोनों परिस्थितियों के लिये तौर तरीकों पर काम हो रहा है कि अगर कुछ स्थानों पर परीक्षायें आयोजित की जाती हैं तो उनका आयोजन कैसे किया जायेगा, और अगर नहीं किया जायेगा तो मूल्यांकन का तरीका क्या होगा । इन सभी पहलुओं पर जल्दी ही हम निर्णय पर पहुंच जायेंगे।' मंगलवार को छात्रों के साथ आनलाइन बातचीत के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस संबंध में सूचना साझा की थी ।
संभावना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय लंबित बोर्ड परीक्षाओं की तिथि के बारे में इस हफ्ते घोषणा करे। विदेशी स्कूलों के छात्रों के लिए भी अंतिम निर्णय की घोषणा की जायेगी । दुनिया भर के 25 देशों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त 210 से अधिक स्कूल है । इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षा में कुल 23,844 विदेशी छात्र जबकि 12 वीं कक्षा की परीक्षा में 16,103 छात्र बैठे थे ।