नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बची हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं होंगी या नहीं इसको लेकर आज बोर्ड की तरफ से फैसला आ सकता है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि CBSE 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को कराने के बारे में फैसला लेने के बहुत करीब है और 24 जून मंगलवार शाम तक इसपर निर्णय ले लिया जाएगा। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई बुधवार 25 जून दोपहर 2 बजे के लिए निर्धारित की गई है। CBSE बोर्ड के अलावा ICSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं को लेकर भी फैसला हो सकता है।
कोरोना वायरस को देखते हुए CBSE की 10वीं और 12वीं कक्षा के कुछ बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और 10वीं तथा 12वीं कक्षा के बचे हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। याचिका में कर्नाटक बोर्ड की परीक्षा का एक वाक्या भी जोड़ा गया है जिसमें बताया गया है कि कैसे कर्नाटक बोर्ड की परीक्षा के बाद 24 बच्चों को क्वॉरंटीन किया गया था और एक बच्चे के माता पिता कोरोना पॉजिटिव निकले थे। बच्चों के माता पिता के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिसा ने भी एचआरडी मंत्रालय को बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने के लिए लिखा है।
एचआरडी मंत्रालय ने CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को पहली जुलाई से 15 जुलाई के बीच कराने की व्यवस्था की हुई है। लेकिन एचआरडी मंत्रालय के इस कदम के बाद कई राज्यों और कुछ बच्चों के माता पिता ने बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है और बच्चों के माता पिता ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की हुई है। CBSE की बची हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षा अगर रद्द नहीं होती है तो 10 लाख से ज्यादा बच्चों को परीक्षा में बैठना पड़ेगा और ऐसे में बच्चों के माता पिता को डर सता रहा है कि कहीं कोरोना वायरस का संक्रमण ने फैले। इसी डर की वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है।