
आज यानी 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसपर चर्चा चल रही है। इस बीच झारखंड कांग्रेस यूनिट के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने वक्फ संशोधन विधेयक पर एक बड़ा बयान दिया है। वक्फ संशोधन विधेयक की निंदा करते हुए उन्होंने इसे संविधान के तहत मुसलमानों को मिली धार्मिक स्वतंत्रता के "उल्लंघन का प्रयास" बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक बेरोजगारी और महंगाई जैसे विभिन्न मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। उन्होंने कहा, "हम संशोधन के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इसके इरादे के खिलाफ हैं। संशोधन राज्य और देश के हित में पेश किया जाना चाहिए। हालांकि, यह देश में विभाजन पैदा करने का प्रयास है।"
'देश में नफरत फैलाना चाहती है'
कमलेश ने आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ बोर्ड पर मुसलमानों के अधिकार को कमजोर करता है और सरकार को वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण की अनुमति देता है। कांग्रेस की झारखंड यूनिट के पूर्व अध्यक्ष और राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर ने कहा, "भाजपा इस संशोधन के जरिए देश में नफरत फैलाना चाहती है। वे हितधारकों के साथ चर्चा किए बिना ही विधेयक को संसद में ले आए।"
वहीं, झारखंड प्रदेश भाजपा चीफ बाबूलाल मरांडी ने इस विधेयक का स्वागत किया।उन्होंने कहा कि जो दल मुस्लिम समुदाय और महिलाओं की प्रगति और विकास नहीं चाहते, वे इसका विरोध कर रहे हैं।
किरेन रिजिजू ने पेश किया बिल
लोकसभा में आज अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संसोधन बिल पेश किया। इसके बाद इस विधेयक पर संसद में लगातार बहस जारी है। किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश करते हुए कहा कि इस विधेयक का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, यह केवल संपत्ति से संबंधित है। इस विधेयक की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने पड़ताल की थी और इसका मसौदा दोबारा तैयार किया था। विपक्षी पार्टियां इस बिल का पुरजोर विरोध कर रही हैं। वहीं, भाजपा ने भी विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा है। (Input- PTI)