रांची: पढ़ाई के लिए सुबह जल्द नहीं उठने पर बेटी की गोली मारकर हत्या करने वाले पिता राकेश रावत को रांची की जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार सिंह की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सोमवार को फैसला सुनाया। दोषसिद्ध आरोपी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जानें क्या है पूरा मामला
यह घटना रांची के कांके रोड में 8 अक्टूबर, 2018 को हुई थी। राकेश रावत सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं। उनका 29 वर्षीय बेटा राहुल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। वह बेटे को पढ़ाई करने के लिए हर रोज सुबह उठने को कहते थे। इसी बात पर पिता-पुत्र के बीच विवाद हुआ तो पिता ने अपनी लाइसेंसी राइफल से बेटे को गोली मार दी। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
'मैं पढ़ने के लिए कहता था, वो सुनता नहीं था'
घटना के बाद राकेश रावत ने बताया था, ''मैंने 25 साल तक नौकरी की। चाहता था कि बेटे राहुल की भी कहीं अच्छी नौकरी लग जाए। मैं राहुल को हमेशा कहता था कि सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई किया करो, मगर वह तो सुनता ही नहीं था। 11 बजे तक सोता रहता था। सोमवार को सुबह 6:20 पर मैंने उसे जगाया और पढ़ने को कहा। वह नाराज हो गया, हम दोनों में बहस होने लगी। राहुल मुझे भद्दी गालियां देने लगा। उसके मुंह से अपने लिए गालियां सुन मैं आपा खो बैठा। अपनी राइफल ली और उसे गोली मार दी। गोली उसके बाएं कंधे के नीचे लगी और वह गिर गया। गोली चलाने के बाद मुझे अफसोस होने लगा, डर लग रहा था कि राहुल मर जाएगा। मैंने 108 डायल कर एंबुलेंस बुलाई। एंबुलेंस आई तो पता चला कि राहुल मर चुका था।''
पुलिस को देख खुद ही किया था सरेंडर
पड़ोसियों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी थी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को देख राकेश रावत ने खुद ही सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने घटनास्थल से राइफल और मैगजीन को जब्त कर लिया था। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को बुला, राकेश रावत की उंगलियों के निशान भी लिए गए थे। आरोपी की पत्नी के बयान पर हत्या की FIR दर्ज की गई थी।
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