झारखंड के धनबाद में एक स्कूल की 80 छात्राओं की शर्ट उतरवाने के मामले में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने स्वत: संज्ञान लिया है। एक अधिवक्ता ने सोमवार को बताया कि जेएचएएलएसए ने धनबाद जिले में स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं को कथित तौर पर अपमानित किए जाने के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है। प्रधानाचार्य पर आरोप है कि उन्होंने दसवीं की 80 छात्राओं को संदेश लिखने के लिए अपनी कमीज उतारने का आदेश दिया था। छात्राओं की शर्ट उतरवाने के बाद प्रिंसिपल ने उन्हें ब्लेजर में ही घर भेजा।
इस मामले पर छात्राओं के अभिवावकों ने नाराजगी जाहिर की थी और प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। स्थानीय विधायक ने भी छात्राओं का समर्थन किया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई है।
नौ सदस्यीय समिति कर रही जांच
जेएचएएलएसए के निर्देश के बाद, प्रधान जिला-सत्र न्यायाधीश एवं धनबाद डीएलएसए के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार तिवारी ने नौ सदस्यीय समिति का गठन किया। इस समिति का अध्यक्ष ‘लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम’ (एलडीसीएस) के प्रमुख कुमार विमलेंदु को बनाया गया है। डीएलएसए सचिव राकेश रोशन ने कहा कि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि समिति के सदस्यों ने रविवार को स्कूल का दौरा किया और सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानाचार्य के कक्ष को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि पीड़िताओं और अभिभावकों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
प्रिंसिपल के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग
रविवार को झारखंड अभिभावक महासंघ (जेएएम) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें स्कूल प्रधानाचार्य पर ‘‘शर्मनाक हरकत’’ करने का आरोप लगाया और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। इस बीच, अधिकारी ने बताया कि धनबाद प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति सोमवार को जोरापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह स्थित स्कूल का दौरा करेगी। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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