दक्षिण-पश्चिम मानसून शुक्रवार को पूरे झारखंड में छाया गया। हालांकि राज्य में 69 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग के अनुसार झारखंड के पांच जिलों में 80 प्रतिशत कम बारिश हुई है। राज्य में मानसून 21 जून को सामान्य से 11 दिन की देरी से आया था। मौसम विभाग ने 29 और 30 जून को कम दबाव के प्रभाव से राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के साथ व्यापक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
एक जून से 28 जून तक की अवधि में राज्य में 53.2 मिमी वर्षा हुई है, जो इस समयावधि में सामान्य 170.3 मिमी की वर्षा से काफी कम है। 24 जिलों में से पांच जिलों में बेहद कम बारिश हुई है जिनमें पाकुड़ जिले में तो 90 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान झारखंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी में सबसे अधिक 32.4 मिमी बारिश हुई। रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने कहा कि हम कम शनिवार और रविवार को पूरे झारखंड में व्यापक वर्षा होने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे जून महीने में हुई बारिश की कमी का अंतर कुछ हद तक कम हो सकता है।
किसानों की चिंता बढ़ी
इस साल मानसून की धीमी प्रगति ने किसानों को चिंतित कर दिया है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में सूखे जैसी स्थिति का सामना किया है। झारखंड सरकार ने 2023 में 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था, जबकि 2022 में राज्य के 260 प्रखंडों में से 226 को सूखा प्रभावित घोषित किया था । गढवा के किसान गोवर्धन महतो ने बताया, ‘‘अभी तक कम बारिश के कारण हम खेती को लेकर चिंतित हैं। खरीफ फसलों की बुआई आमतौर पर एक जुलाई से शुरू होती है और अगर 20 जुलाई तक बुआई पूरी हो जाती है, तो अच्छी फसल की उम्मीद की जाती है।’’