Thursday, December 26, 2024
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‘अगर वाजपेयी अलग राज्य नहीं बनाते तो…’, झारखंड में चंपई सोरेन का पूर्व पीएम पर बड़ा बयान

चंपई सोरेन ने कहा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता, तो लोगों को और ज्यादा संघर्ष का सामना करना पड़ता। उन्होंने वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए यह बयान दिया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Dec 25, 2024 21:22 IST, Updated : Dec 25, 2024 21:22 IST
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Image Source : PTI FILE झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन।

जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को एक बड़ा बयान दिया। चंपई ने कहा कि अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता तो प्रदेश के लोगों को कई वर्षों तक इंतजार और संघर्ष करना पड़ता। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर शायद सूबे के लोगों को ज्यादा बलिदान भी देना पड़ता। वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि वाजपेयी ने तत्कालीन अविभाजित बिहार की RJD सरकार के कड़े विरोध के बावजूद अलग झारखंड बनाने का अपना वादा पूरा किया था।

‘दशकों का इंतजार तथा संघर्ष करना पड़ता’

चंपई सोरेन ने कहा, ‘सन 1999 में अटल जी चुनावी सभा को संबोधित करने दुमका आए थे। उसमें अटल जी ने कहा था- आप मेरी सरकार बनवाएं, मैं आपको अलग राज्य का तोहफा दूंगा। बीजेपी की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पृथक झारखंड राज्य की घोषणा करके झारखंड की जनता के कई दशक पुराने आंदोलन को सम्मान दिया। अगर अटल जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार झारखंड नहीं बनाती तो शायद हमें इस राज्य के लिए कई वर्षों या फिर दशकों का इंतजार तथा संघर्ष करना पड़ता। शायद उस बीच कितने लोगों को बलिदान भी देना पड़ता।’

‘अटल जी ने झारखंड में कई योजनाएं शुरू कीं’

सोरेन ने कहा कि वाजपेयी का झारखंड और विशेषकर जमशेदपुर से गहरा नाता था। उन्होंने कहा, ‘पूर्व पीएम कई बार झारखंड आए और उनकी सभाओं में बहुत भीड़ उमड़ती थी। उन्होंने इस राज्य में कई योजनाएं शुरू कीं। 1999 में जब अटल जी की सरकार बनी थी तब भारत में पहली बार जनजातीय मंत्रालय का गठन किया गया था। कई दशकों तक संथाल आदिवासी समाज के लोग संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस की सरकारों द्वारा मांग खारिज करते रहने के बावजूद अटल जी की सरकार ने 2003 में संथाली भाषा (ओल चिकी लिपि) को संविधान में स्थान दिलाया।’

‘अटल जी के सपने पूरे कर रही मोदी सरकार’

चंपई सोरेन ने कहा, ‘झारखंड के विकास के लिए उनका साफ विजन था खासकर आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए। उन्होंने उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं। लेकिन आज यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है। नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं। आदिवासियों की संख्या घट रही है। घुसपैठिये हमारी भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। अटल जी जहां भी होंगे, यह देख कर दुखी होंगे।’ उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार अटल जी के सपनों को पूरा कर रही है।

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