झारखंड हाई कोर्ट ने रांची के एसएसपी को शहर में खुली जगहों और मोहल्लों में गोवंश मांस की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने एसएसपी से पूछा कि झारखंड गोजातीय पशु वध निषेध अधिनियम-2005 के तहत रांची में क्या कार्रवाई की गई है?
खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री
रांची सहित राज्य में कई स्थानों पर मीट शॉप के बाहर कटे हुए बकरे एवं मुर्गियों को खुले में प्रदर्शित किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट में कुछ तस्वीरें पेश की गई, जिसमें खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री होती दिख रही है।
"...तो अत्यंत दुर्भाग्यजनक है"
इस पर कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि अगर शहर में खुली जगहों पर यह कारोबार हो रहा है तो अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वे खुले में गोमांस की बिक्री होने की बात को वेरीफाई करेंगे।
काले शीशे का इस्तेमाल नहीं
कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश के बाद भी चिकन एवं मीट दुकान संचालक काले शीशे का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। कई मीट दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं। उन पर एक्शन लिया जाए। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रांची शहर में अवैध रूप से संचालित 70 से अधिक मीट शॉप संचालकों पर कार्रवाई की गई है।
कटे हुए बकरे एवं मुर्गियां प्रदर्शित
जनहित याचिका श्यामानंद पांडे की ओर से दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता बाहर खुले में कटे हुए बकरे एवं मुर्गियों को प्रदर्शित करते हैं। यह भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के रूल एंड रेगुलेशन के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट एवं विभिन्न हाई कोर्ट के गाइडलाइन के विपरीत है। (IANS)
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