झारखंड मंत्रिमंडल ने बुधवार को कृषि ऋण माफी योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया और ऋण की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा, "मंत्रिमंडल ने कृषि ऋण माफी की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके लिए अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 होगी।"
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इससे लगभग 1.91 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2021-22 में राज्य सरकार ने 50,000 रुपये तक के फसल ऋण माफ करने की घोषणा की। सरकार ने 4.73 लाख से अधिक किसानों के 50,000 रुपये तक के ऋण माफ किए हैं और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं। कैबिनेट द्वारा कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
चंपई सोरेन ने किया था कर्जमाफी का ऐलान
जून के महीने में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कर्जमाफी का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी गठबंधन सरकार किसानों के दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण यानी एग्रीकल्चर लोन माफ और फ्री बिजली कोटा को बढ़ाकर 200 यूनिट करेगी। इसके लिए उन्होंने बैकों से प्रस्ताव पेश करने को कहा था। अब प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। सोरेन के अनुसार 31 मार्च 2020 तक किसानों के 50 हजार से लेकर 2 लाख तक के लोन को वन टाइम सेंटलमेंट के माध्यम से माफ किया जाएगा। हेमंत सोरेन को जमानत मिलने के बाद उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण कर लिया है। ईडी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था और उन्हें गिरफ्तार किया था। इस वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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