झारखंड सरकार ने अपने लोगों के लिए 200 यूनिट बिजली प्रति माह मुफ्त देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह फैसला शुक्रवार को चंपई सोरेन की कैबिनेट ने किया है। पहले झारखंड में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली फ्री में मिलती थी। जिसे बढ़ाकर सरकार ने अब इसे 200 यूनिट कर दिया है। इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने कहा कि सरकार इसके लिए प्रति माह लगभग 21.7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाएगी। उन्होंने आगे बताया कि इस योजना का लाभ झारखंड की 41.4 लाख जनता उठाएगी।
इन योजनाओं को भी मिली मंजूरी
शुक्रवार को हुए चंपई सोरेन की कैबिनेट बैठक में 40 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के कर्मचारियों के लिए विशेष मुआवजे की योजना है। इस योजना के तहत मुठभेड़ में मारे गए सुरक्षाकर्मी के परिवार वालों को मुआवजे के रूप में 60 लाख रुपये मिलेंगे। जबकि घायल होने की स्थिति में इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। कैबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए झारखंड राज्य संकाय विकास अकादमी की स्थापना को मंजूरी दी है। साथ ही साथ अकादमिक उत्कृष्टता के लिए सीएम फेलोशिप योजना को भी मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन और रख-रखाव योजना को भी मंजूरी दी। इस योजना के तहत राज्य के अस्पतालों को हर साल रखरखाव के लिए विशेष धनराशि दी जाएगी।
महिलाओं को मिलेगा 1000 रुपए
इसके अलावा झारखंड मंत्रिमंडल ने राज्य की 45 लाख महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी वित्तीय सहायता योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री बहन बेटी स्व-सहायता प्रोत्साहन योजना’ है। इसके तहत प्रत्येक महिला को 1,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। यह योजना 21 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए है। राज्य सरकार इस पहल के लिए सालाना 5,500 करोड़ रुपये का खर्च उठाएगी।
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